सूचना का अधिकार अधिनियम (आरटीआइ) के तरह शासकीय विभागों से जानकारी लेना तो दूर आरटीआइ लगाने में भी लोगों को पसीना आ रहा है। आवेदन के साथ आरटीआइ का निर्धारित शुक्ल अदा करने के लिए 10 रुपये का पोस्टल ऑर्डर लगाना जरुरी है। लेकिन नगर में पोस्टल आर्डर नहीं मिलने से आम लोगों को आरटीआइ लगाने में दिक्कत आ रही है।

सरकारी महकमों में पारदर्शिता लाने के लिए आरटीआई कानून बना। इसके डर से भ्रष्टाचार करने वाले कांपते हैं। इसलिए सरकार ने इसका खर्चा भी बहुत कम रखा। मगर इस कानून का उपयोग करने के वाले आरटीआई एक्टिविस्टों को मुश्किलों से गुजरना पड़ रहा है। इन्हें ना तो डाकखानों में 10 रुपये के पोस्टल ऑर्डर मिल रहे हैं और ना ही राज्य सरकार के विभाग नकद करेंसी पर जन सूचना दे रहे हैं। पिछले एक साल से माखन नगर के डाकखाना में 10 रुपये के पोस्टल ऑर्डर गायब हैं। इस कारण आरटीआई का शुल्क जमा नहीं हो रहा है।
आरटीआई का शुल्क जमा कराने के लिए भारत सरकार ने 3 तरह की व्यवस्थाएं की हैं। इसमें पहला 10 रुपये का पोस्टल ऑर्डर, दूसरा बैंक का डीडी और तीसरा आवेदन पत्र के साथ 10 रुपये नकद जमा कराए जा सकते हैं। मगर हाल ही में प्रदेश सरकार ने एक शासनादेश जारी किया है। इसके तहत में आवेदन पत्र के साथ आप नकद धनराशि जमा नहीं करा सकते हैं। आवेदकों को अब बैंक डीडी या पोस्टल ऑर्डर से आरटीआई का शुल्क जमा कराना होगा।

महीनों से गायब हैं पोस्टल ऑर्डर
आरटीआई एक्टिविस्ट गोविंद यादव का कहना है कि वे पिछले एक साल से पोस्ट ऑफिस के चक्कर काट रहे हैं। पोस्ट ऑफिस में वे 10 रुपये के पोस्टल ऑर्डर खोज रहे हैं मगर उन्हें नहीं मिल सके हैं। जिले से पोस्टल आर्डर बुलाने पड़ते हैं।
पहले पैसे जमा कराए कल आकर पोस्टल आर्डर ले जाए
जब देनवापोस्ट की टीम पोस्ट ऑफिस का जायजा लेने पहुंची तो एसपीएम मुकेश कटारे का अजीब ही बर्ताव रहा जब टीम ने ₹10 का पोस्टल आर्डर मांगना चाह तो उन्होंने पहले तो देने से मना कर दिया। फिर कहा कितने चाहिए हमारी टीम ने कहा 10 वाले 10 पोस्टल ऑर्डर चाहिए। तब एसपीएम ने जवाब दिया कि आप आज पैसे जमा कर जाइए कल जाकर पोस्टल आर्डर ले जाना।
पहले ऐसा नहीं था डाकखाना
सूत्रों की माने तो पहले नगर के डाकखाने में तमाम तरह सुविधाएं मौजूद थी । लेकिन जब से मुकेश कटारे ने नगर की पोस्ट ऑफिस का कार्यभार संभाला है, जब से डाकखाने में अवस्थाओं का आलम है। यहां पर कभी रसीदी टिकट नहीं मिलती तो कभी पोस्टेज टिकिट नदारत रहती है। रही पोस्टल आर्डर की बात तो जैसे नगर के डाकखाने में कसम खा रखी है कि माखननगर में पोस्टल आर्डर नहीं मिलेंगे।