Lok Sabha passes Bill to ease mineral exploration norms : लोकसभा ने खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) संशोधन विधेयक 2025 पारित किया

Lok Sabha passes Bill to ease mineral exploration norms

नई दिल्ली — लोकसभा ने मंगलवार को खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) संशोधन विधेयक 2025 ध्वनिमत से पारित कर दिया। विधेयक का उद्देश्य निवेशकों के लिए नियमों को आसान बनाना और राज्यों को अधिक अधिकार देकर महत्वपूर्ण एवं रणनीतिक खनिजों की खोज को बढ़ावा देना है। इसे 11 अगस्त को पेश किया गया था और विपक्ष के हंगामे के बीच पारित किया गया।

विधेयक की मुख्य बातें

मौजूदा पट्टे में खनिज जोड़ने की अनुमति: पट्टाधारक अब राज्य सरकार की अनुमति लेकर लिथियम, ग्रेफाइट, निकल, कोबाल्ट, सोना और चांदी जैसे महत्वपूर्ण एवं रणनीतिक खनिज जोड़ सकते हैं, बिना अतिरिक्त राशि चुकाए।

अन्य खनिज जोड़ने पर भुगतान: अन्य खनिज जोड़ने के लिए संबंधित खनिज की रॉयल्टी के बराबर राशि का भुगतान करना होगा।

नीलामी वाली खदानें: ऐसे मामलों में नए खनिज के लिए नीलामी प्रीमियम का अतिरिक्त भुगतान करना होगा।

लघु व प्रमुख खनिज:

प्रमुख खनिज पट्टे में लघु खनिज जोड़ने के लिए राज्य सरकार रॉयल्टी और भुगतान तय करेगी।

लघु खनिज पट्टे में प्रमुख खनिज जोड़ने की शर्तें केंद्र सरकार तय करेगी।

परमाणु खनिजों को गैर-परमाणु पट्टों में नहीं जोड़ा जा सकेगा।

कैप्टिव खदानों की बिक्री सीमा समाप्त: पहले 50% तक बिक्री की अनुमति थी, अब यह सीमा हटा दी गई है।

राज्यों को बिक्री की अनुमति का अधिकार: राज्य सरकारें केंद्र द्वारा तय तारीख तक पट्टे वाले क्षेत्र में जमा खनिज भंडार की बिक्री की अनुमति दे सकेंगी।

खनिज एक्सचेंज का गठन: खनिज और धातुओं के व्यापार के लिए पंजीकृत इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का प्रावधान।

राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण ट्रस्ट का नाम बदला: अब यह राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण और विकास ट्रस्ट कहलाएगा, जिसकी योगदान दर रॉयल्टी के 3% तक बढ़ाई गई है।

धन का उपयोग विदेशों में भी: अब ट्रस्ट के फंड का उपयोग अपतटीय क्षेत्रों और विदेशों में अन्वेषण व विकास कार्यों के लिए किया जा सकेगा।

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