Lok Sabha Election 2024 : लालू की बेटी रोहिणी आचार्य की राजनीति में एंट्री, राजद कार्यकर्ताओं की इस लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की मांग

राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, तेजप्रताप, और मीसा भारती के बाद अब  आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव की एक और बेटी रोहिणी आचार्य की राजनीति में एंट्री होने जा रही है। और बिहार की सियासत में रोहिणी को लॉन्च करने की तैयारी है। मौजूदा वक्त में लालू परिवार के तीन सदस्य राजनीति में सक्रिय हैं। राबड़ी देवी एमएलसी हैं, तेजस्वी पूर्व डिप्टी सीएम और तेज प्रताप पूर्व मंत्री रह चुके हैं। और अब रोहिणी की लॉन्चिंग की तैयारी है। हाल ही में परिवारवाद और वंशवादी राजनीति को लेकर पीएम मोदी अपनी चुनावी रैलियों को करारा हमले करते आए हैं।

आपको बता दें रोहिणी आचार्य के लालू यादव की गृह सीट रही सारण से लोकसभा चुनाव लड़ने की अटकलें तेज हो गई हैं। इस मामले में लालू परिवार के करीबी और राबड़ी देवी के ‘राखी भाई’ कहे जाने वाले राजद एमएलसी सुनील कुमार सिंह ने फेसबुक पोस्ट के जरिए रोहिणी के बिहार की राजनीति में एंट्री के संकेत दिए। सुशील सिंह ने लिखा कि पिता के प्रति अगाध प्रेम, श्रद्धा एवम समर्पण की प्रतिमूर्ति डॉ. रोहिणी आचार्य। सारण प्रमंडल के समस्त पार्टी कार्यकर्ताओं की हार्दिक इच्छा है कि डॉ. रोहिणी आचार्या को सारण लोकसभा से राष्ट्रीय जनता दल का प्रत्याशी घोषित किया जाए!

सुनील सिंह ने बताया कि आरजेडी कार्यकर्ताओं की इच्छा है कि रोहिणी आचार्य सारण से चुनाव लड़ें। आपको बता दें हाल ही में कुछ दिनों पहले पटना के गांधी मैदान में महागठबंधन की जन विश्वास महारैली में इंडिया अलायंस के नेताओं, पिता लालू समेत पूरे यादव परिवार के साथ रोहिणी आचार्य ने राजनीतिक मंच साझा किया था। इस दौरान लालू यादव ने अपनी बेटी रोहिणी को तीसरे मौके पर कार्यकर्ताओं और समर्थकों का अभिवादन स्वीकार कराया था। जिसके बाद से रोहिणी के राजनीति में संभावित प्रवेश की अटकलें शुरू हो गईं थी।

इससे पहले राजनीतिक गलियारों में कुछ समय पहले चर्चा थी कि सुनील सिंह खुद सारण से लोकसभा लड़ना चाहते हैं। लेकिन अब उनके फेसबुक पोस्ट से ये साफ हो गया है कि उन्होंने रोहिणी के पक्ष में अपनी दावेदारी वापस ले ली है।

आपको बता दें। जिस सारण सीट से रोहिणी के चुनाव लड़ने की मांग उठ रही है। जो लालू यादव की गृह सीट है। लालू पहली बार 1977 में 29 साल की उम्र में छपरा सीट से चुने गए। और बाद में 1989 और 2004 में भी उन्होंने इस सीट का प्रतिनिधित्व किया। हालांकि परिसीमन के बाद इसे सारण के नाम से जाना जाता है। चारा घोटाले में सीबीआई द्वारा दोषी करार दिए जाने के बाद लोकसभा से अयोग्य ठहराए जाने के चलते 2014 के लोकसभा चुनाव में अपनी पत्नी राबड़ी देवी को अपनी गृह सीट से मैदान में उतारा, लेकिन वह लगभग 41,000 वोटों से हार गईं थी।

रोहिणी आचार्य तब सबसे ज्यादा चर्चा में आई थीं। जब उन्होने अपनी एक किडनी पिता लालू यादव को डोनेट की थी। जिनकी दिसंबर 2022 में सिंगापुर स्थित एक अस्पताल में किडनी प्रत्यारोपण सर्जरी हुई थी। सिंगापुर में लालू यादव का किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था। उनकी एक किडनी सिर्फ 25 फीसदी ही काम कर रही थी। रोहिणी वर्तमान में सिंगापुर में रह रहीं है। सोशल मीडिया पर भी रोहिणी काफी एक्टिव रहती है। और आरजेडी पार्टी के विरोधियों पर हमला करने से भी नहीं चूकती हैं।

रोहिणी के प्रशंसकों में बीजेपी के फायर ब्रांड नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह भी हैं। जिन्होने कहा था कि बेटी हो तो रोहिणी आचार्य जैसी, गर्व है आप पर…आने वाली पीढ़ियों के लिए आप उदाहरण होंगी। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर गिरिराज सिंह ने रोहिणी की जमकर तारीफ की थी। हालांकि अब रोहिणी आचार्य के राजनीति में एंट्री की अटकलें तेज हो गई हैं।

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