नींबू वाली काली चाय क्यों है खास?
इसमें विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में होते हैं।
यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है।
पाचन तंत्र को दुरुस्त रखती है और अपच, गैस और भारीपन दूर करती है।
शरीर से विषैले तत्व (टॉक्सिन्स) बाहर निकालने में सहायक है, इसलिए इसे डिटॉक्स ड्रिंक भी कहा जाता है।
आयुर्वेदिक दृष्टि से फायदे
आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. महेश शर्मा बताते हैं कि नींबू और काली चाय का संयोजन मेटाबॉलिज्म को तेज करता है।
यह वजन नियंत्रित करने और अतिरिक्त चर्बी कम करने में सहायक है।
फिटनेस को मेंटेन करने वाले लोगों के लिए यह रामबाण औषधि की तरह है।
पारंपरिक उपयोग
नींबू वाली काली चाय का उपयोग लंबे समय से एक औषधीय पेय के रूप में होता आया है।
भोजन के बाद पाचन सुधारने में।
सर्दी-जुकाम और गले की खराश में।
यात्रा के दौरान उल्टी या मतली रोकने के लिए।
पेट साफ करने और हल्कापन बनाए रखने के लिए।
धार्मिक उपवासों में हल्के और ऊर्जावान पेय के रूप में।
सेहत के लिए लाभ
पाचन को मजबूत बनाए
इम्युनिटी बढ़ाए
हृदय को स्वस्थ रखे
थकान मिटाकर ऊर्जा प्रदान करे
डिटॉक्सिफिकेशन में मददगार
बनाने की आसान विधि
1. एक कप पानी उबालें।
2. इसमें आधा से एक चम्मच काली चायपत्ती डालें।
3. 1–2 मिनट उबालकर छान लें।
4. हल्का ठंडा होने पर आधा नींबू निचोड़ें।
5. स्वाद बढ़ाने के लिए शहद या गुड़ मिला सकते हैं।
ध्यान रहे: इसमें दूध का उपयोग नहीं किया जाता।
नींबू वाली काली चाय स्वाद और सेहत का ऐसा संगम है जो आधुनिक जीवनशैली के साथ पूरी तरह मेल खाता है। नियमित रूप से इसका सेवन करने से शरीर हल्का, ऊर्जावान और रोगमुक्त रहता है।