ज्येष्ठ मास में भोजन थाली गर्मी में कैसी होनी चाहिए जानें

Jyeshtha Month : पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ साल का तीसरा महीना होता है. इस साल ज्येष्ठ मास की शुरुआत 6 मई 2023 से हो चुकी है जोकि 4 जून 2023 को समाप्त होगी. ज्येष्ठ मास ग्रीष्म ऋतु का ऐसा समय होता है, जिसमें प्रचंड गर्मी पड़ती है.

ज्येष्ठ महीने में ही नौतपा की भी शुरुआत होती है और पूरे नौ दिनों तक लोगों को भयंकर गर्मी का अहसास होने लगता है. शास्त्रों में ज्येष्ठ मास को लेकर कई नियम बताए गए हैं, जोकि स्वास्थ्य के लिए अनुकूल माने गए हैं. इन्हीं में एक है आहार ग्रहण करने के नियम. शास्त्रों और भारतीय परंपरा में ऋतु अनुसार आहार ग्रहण करने यानी खाने-पीने के नियमों के बारे में बताया गया है. जन कवि घाघ हर मास व ऋतु के अनुसार आहार ग्रहण करने को लेकर कहते हैं-

चैते गुड़ बैसाखे तेल जेठे मिर्च, आषाढ़ बेल।
सावन साग भादो मही क्वांर करेला कार्तिक दही।।
अगहन जीरा पूस धना माघै मिश्री फाल्गुन चना।
जो कोई इतने परिहरै, ता घर बैद पैर नहिं धरै।।

इस दोहे का अर्थ है कि, चैत महीने में गुड़, वैशाख में तेल, जेठ में मिर्च-मसाला, आषाढ़ में बेल, सावन में साग, भादो में दही, क्वार में दूध, कार्तिक में दही, अगहन में जीरा, पूस में धनियां, माघ में मिश्री और फागुन महीने में चने का सेवन स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक होता है. इसलिए शास्त्रों में ऋतुचर्या के अनुसार आहार ग्रहण की बात कही गई है. ऋतु क अनुसार भोजन ग्रहण करने से शरीर स्वस्थ रहता है और खतरनाक बीमारियों दूर रहती हैं.

ज्येष्ठ महीने में कैसी होनी चाहिए भोजन की थाली

    • ज्येष्ठ के महीने में खाने-पीने के नियमों का पालन करना बहुत जरूरी होता है. क्योंकि इस दौरान कुछ भी खा-पी लेना स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक साबित हो सकता है. इसलिए इस महीने खासकर गरिष्ठ भोजन से दूर रहना चाहिए. ज्येष्ठ मास में अत्यधिक तेल-मसाले वाला भोजन, तला-भुना आदि से दूरी बनाना की हितकर है.
    • ज्येष्ठ के महीने में भोजन के विषय में महाभारत में कहा गया है कि- ‘ज्येष्ठामूलं तु यो मासमेकभक्तेन संक्षिपेत्। ऐश्वर्यमतुलं श्रेष्ठं पुमान्स्त्री वा प्रपद्यते।‘ यानी ज्येष्ठ मास में दिन में एक ही समय भोजन करें. इससे व्यक्ति निरोगी रहता है और धनवान बनता है.
    • ज्येष्ठ महीने में आप अपने भोजन में मौसमी फल और हरी सब्जियों को शामिल करें. साथ ही सत्तू और बेल से बनी चीजों का सेवन करना चाहिए.
    • इस महीने हो सके तो ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थों (दही, छाछ, लस्सी, जूस आदि) को आहार में शामिल करें. क्योंकि मसालेदार भोजन से आपको चक्कर आ सकती है या घबराहट हो सकती है.
    • ज्येष्ठ के महीने में बैंगन को अपने आहार में शामिल बिल्कुल न करें. इससे स्वास्थ प्रभावित होता है और गठिया रोग की संभावना बढ़ती है. शास्त्रों में कहा गया है कि, ज्येष्ठ मास में बैंगन खाने से संतान को भी कष्ट होता है.

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि denvapost.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This will close in 0 seconds

error: Content is protected !!