जॉन हॉपकिन्स मेडिसिन की रिपोर्ट के अनुसार अगर कोई वयस्क लंबे समय से रोज 9 घंटे से ज्यादा सो रहा हो, तो इसे ओवर स्लीपिंग माना जा सकता है. जरूरत से ज्यादा नींद लेना भी बीमारियों की वजह बन सकती है. अत्यधिक सोने की वजह से टाइप 2 डायबिटीज, हार्ट डिजीज, मोटापा, डिप्रेशन, सिरदर्द समेत कई शारीरिक व मानसिक समस्याएं पैदा हो सकती हैं. अगर आपको दिनभर नींद आती रहती है और रात में भी जरूरत से ज्यादा सो रहे हैं, तो यह किसी बीमारी का संकेत हो सकता है. ऐसे में आपको तुरंत डॉक्टर से मिलकर अपनी जांच करानी चाहिए. जब कोई व्यक्ति बीमार होता है, तब ज्यादा नींद आती है.
इस बारे में क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
जॉन हॉपकिंस मेडिसिन की न्यूरोलॉजिस्ट और स्लीप स्पेशलिस्ट डॉ. चार्लेन गैमाल्डो के मुताबिक हर व्यक्ति की नींद के घंटे अलग-अलग हो सकते हैं. हालांकि सभी वयस्कों को रोज रात को औसतन 7 से 9 घंटे की नींद लेनी चाहिए. अगर आपको आराम महसूस करने के लिए नियमित रूप से 8 या 9 घंटे से अधिक की नींद की जरूरत पड़ती है, तो यह किसी मेडिकल कंडीशन का संकेत हो सकता है.
बहुत से लोग उम्र बढ़ने के साथ-साथ ज्यादा सोने लगते हैं और मानते हैं कि यह उम्र बढ़ने का एक सामान्य संकेत हैं. हालांकि उम्र बढ़ने से आपकी नींद में कई घंटों का बदलाव नहीं आना चाहिए. अगर किसी के साथ ऐसा हो रहा है, तो हार्ट डिजीज, डायबिटीज या डिप्रेशन जैसी अंडरलाइंग डिजीज हो सकती है. ऐसे में डॉक्टर से संपर्क कर हेल्थ चेकअप जरूर करवाना चाहिए.
उम्र के हिसाब से कितनी नींद जरूरी?
– नेशनल स्लीप फाउंडेशन के अनुसार 0-3 महीने के बच्चों के लिए 14 से 17 घंटे की नींद जरूरी होती है.
– 4 -12 महीने के बच्चों के लिए प्रतिदिन 12 से 15 घंटे की नींद जरूरी होती है.
– 1-2 साल के बच्चों के लिए 11 से 14 घंटे की नींद जरूरी होती है.
– 3-5 साल के बच्चों के लिए हर दिन 10 से 13 घंटे की नींद लेनी चाहिए.
– 9-12 साल के बच्चों को प्रतिदिन 9 से 12 घंटे तक सोना चाहिए.
– 13-17 साल के लोगों को हर दिन 8 से 10 घंटे तक नींद लेनी चाहिए.
– 18-64 साल के लोगों के लिए प्रतिदिन 7 से 9 घंटे सोना जरूरी होता है.
– 65 साल या इससे अधिक उम्र के बुजुर्गों को भी 7 से 8 घंटे तक सोना चाहिए.