Kubereshwar Dham : सावन के दूसरे सोमवार को शिवभक्ति में डूबा कुबेरेश्वरधाम, लाखों कांवड़ियों ने अर्पित किया गंगाजल

सीहोर (मध्यप्रदेश): सावन के दूसरे सोमवार को कुबेरेश्वरधाम शिव भक्ति की दिव्य छटा से सराबोर रहा। सीवन नदी के तट से लेकर मंदिर परिसर तक देश के कोने-कोने से आए लाखों श्रद्धालु कांवड़ में गंगाजल लेकर भोलेनाथ का जलाभिषेक करने पहुंचे। पूरे मार्ग पर “हर-हर महादेव” के जयघोष, भक्ति संगीत, झांकियां और सेवा पंडालों से वातावरण भक्तिमय हो गया।

हरियाणा से आए श्रद्धालु आशीष ने लगभग 80 किलो गंगाजल लेकर भगवान शिव को अर्पित कर अनोखी आस्था का परिचय दिया। इस बार डाक कांवड़ की संख्या में भी जबरदस्त बढ़ोतरी देखी गई, जिसमें श्रद्धालु संतान प्राप्ति, नौकरी और अन्य मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए भोलेनाथ के दर्शन को पहुंचे

grand glimpse of Shiva devotion in Sehore, one lakh devotees performed Jalabhishek at Kubereshwar Dham, see ph

सावन के दूसरे सोमवार को कुबेरेश्वरधाम में शिव भक्ति का सैलाब

“शिव भक्तों की सेवा ही सबसे बड़ी भक्ति है” – पं. प्रदीप मिश्रा

श्रावण मास में आयोजित ऑनलाइन शिव महापुराण कथा के पहले दिन प्रख्यात कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने श्रद्धालुओं को शिवभक्ति और सेवा के महत्व से परिचित कराया। उन्होंने कहा कि शिव भक्तों की सेवा करना ही सबसे बड़ी भक्ति है।

उन्होंने देवराज ब्राह्मण की कथा का उल्लेख करते हुए बताया कि किस प्रकार एक धन-लोभी पापी व्यक्ति केवल शिवपुराण की कथा सुनकर शिवलोक को प्राप्त कर सका। उन्होंने कहा कि श्रावण मास में भोलेनाथ की पूजा सभी पापों को नष्ट कर देती है।

grand glimpse of Shiva devotion in Sehore, one lakh devotees performed Jalabhishek at Kubereshwar Dham, see ph

शिव भक्तों का जनसैलाब उमड़ा कुबेरेश्वरधाम

रुद्राभिषेक की महिमा और स्वास्थ्य संदेश

कथा के दौरान पं. मिश्रा ने रुद्राभिषेक की महिमा का बखान किया। उन्होंने बताया कि भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए बड़े अनुष्ठानों की आवश्यकता नहीं होती — जल, बेलपत्र, दूध, घी, शहद जैसे सरल व प्राकृतिक तत्वों से भी शिवजी को प्रसन्न किया जा सकता है। इन वस्तुओं के स्वास्थ्यवर्धक गुण भी हैं जो शारीरिक और मानसिक शांति प्रदान करते हैं।

grand glimpse of Shiva devotion in Sehore, one lakh devotees performed Jalabhishek at Kubereshwar Dham, see ph

सीहोर में शिवभक्ति की भव्य झलक

शिक्षा, वेद और बेटियों को लेकर सामाजिक संदेश

पं. मिश्रा ने कथा के माध्यम से शिक्षा को राष्ट्र की जड़ बताया। उन्होंने हयग्रीव अवतार की कथा सुनाई और बताया कि कैसे नारायण ने असुरों से वेदों की रक्षा कर ज्ञान की पुनर्स्थापना की।

इसके साथ ही उन्होंने बेटी-बेटे में भेद न करने का संदेश भी दिया। नेपानगर की एक बहन के पत्र का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि शिवभक्ति से उसे दो पुत्रों की प्राप्ति हुई, जो समाज को यह संदेश देता है कि बेटियां भी उतनी ही मूल्यवान हैं।

शहर हुआ शिवमय, सेवा पंडालों से झलका अपार प्रेम

श्रद्धालुओं की सेवा हेतु शहरभर में अनेक स्थानों पर सेवा पंडाल लगाए गए थे, जहां भोजन, जल और प्रसादी की उत्तम व्यवस्था की गई थी। बिना थकान की परवाह किए कांवड़िए भोलेनाथ के दर्शनों को बढ़ते रहे और पूरा क्षेत्र “हर-हर महादेव” के जयकारों से गूंजता रहा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!