Khandwa News :खंडवा की रूपल जयसवाल को यूपीएससी 2024 में 512वीं रैंक मिली

यूपीएससी 2024 का रिजल्ट मंगलवार को जारी हुआ है, जिसमें खंडवा शहर की 28 वर्षीय एलएलबी ग्रेजुएट युवती रूपल जायसवाल को 512 रैंक हासिल हुई है। अपनी इस सफलता का श्रेय पहले तो रूपल ने खुद को और बाद में अपने माता पिता को दिया है। वहीं उनकी इस सफलता से पूरे परिवार और समाज मे खुशियों का माहौल है। उनके इंजीनियर पिता धनजंय अपनी बेटी की सफलता पर गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। उनकी माता इस सफलता पर कहती हैं कि समाज में बेटा और बेटी दोनों को बराबर समझना चाहिए, क्योंकि आज उनकी बेटी ने उनके परिवार का नाम रोशन किया है। अपनी इस सफलता के बाद उन्होंने अमर उजाला से खास बातचीत में अपने अनुभव भी साझा किए।

जजेस की छुट्टियों को लेकर खुशनुमा हुआ माहौल

रूपल ने अमर उजाला को बताया कि उनका इंटरव्यू करीब 30 मिनट का रहा, जिसमें ऊनसे हायर एजुकेशन सिस्टम में रोबोटिक्स और एआई के इस्तेमाल को लेकर सवाल हुए। वहीं इस दौरान उनके लॉ फील्ड के बैकग्राउंड को देखते हुए जब ऊनसे पूछा गया कि, अदालतों में जजों को छुट्टियां अधिक मिलती हैं। क्या इन्हें कम कर देना चाहिए, जिस पर उनका जवाब था कि, शायद जज छुट्टियों में भी घर पर रहकर केस की फाइलें ही देखते हों, यहां तक कि जिन जजेस का आंध्रा में छुट्टियां बिताने का वीडियो वायरल हुआ था, क्या पता वे भी केस की फाइलें साथ ले गए हों। जिस पर हाल में सभी हंसने लगे और माहौल खुशनुमा हो गया। इससे सवाल पूछने वाली मैडम के साथ ही सभी को लगा कि वे कॉन्फिडेंट हैं जिससे शायद उनका सिलेक्शन हुआ है।

खुद को दिया श्रेय, घर में रहकर की तैयारी

अपनी खुशी को अमर उजाला के साथ शेयर करते हुए रूपल ने बताया कि यूपीएससी 2024 में उनकी 512 रैंक आई है। इसके तीन चरण थे। प्री, मेन्स और इंटरव्यू और इस समय इतने सारे बच्चों की लिस्ट में उन्हें सफलता मिली है, जिसे उन्हें बहुत खुशी हो रही है। इस सफलता का श्रेय वेसे तो हार्ड वर्क को दिया जाना चाहिए, लेकिन फिर भी वह खुद को ही क्रेडिट देती हैं। खुद के बाद उनके परिवार को इसका श्रेय जाता है। जिन्होंने उनका सपोर्ट करते हुए सफलता हासिल करने में मदद की है, क्योंकि उन्होंने घर में रहकर बगैर कोचिंग के ही, घर के शांत माहौल में रहकर इस एग्जाम की तैयारी की है।

मोबाइल और सोशल मीडिया का इस तरह किया इस्तेमाल

वहीं एग्जाम की तैयारी को लेकर उन्होंने बताया कि, वे एलएलबी ग्रेजुएट हैं, और 2022 तक वे एक लॉ फर्म में जॉब करती थीं। लेकिन वहां रहकर यूपीएससी की तैयारी करने में बंदिशें महसूस हुईं। जिसके बाद उस जॉब को छोड़कर घर पर रहकर ही तैयारी करना शुरू किया था और 2 साल की कड़ी मेहनत और प्री एग्जाम के सेकंड अटेम्प्ट और मेन्स के फर्स्ट अटेम्प्ट में ही उन्हें यह सफलता हाथ लगी है। जिसकी तैयारी के लिए मॉक टेस्ट किए, बाजार की टेस्ट सीरीज का इस्तेमाल किया और किताबें पढ़ने के साथ ही पिछले सालों के पेपर सॉल्व करने से वे सफलता तक पहुंच पाई हैं। वहीं उन्होंने मोबाइल और सोशल मीडिया से दूर रहने के मिथक को भी तोड़ते हुए, इसके पूरे इस्तेमाल के साथ अपनी तैयारी की। साथ ही फ्रेंड्स के साथ बाहर घूमने और मौज मस्ती करना भी इस दौरान उनका जारी रहा था। क्योंकि वह सब बंद करके मानसिक स्तर पर परेशानी होती है। इसलिए वह सब उन्होंने बंद नहीं किया।

असफल लोगों को कहा, इसे जिंदगी न मान लें

वहीं, अपनी दिनचर्या को लेकर उन्होंने बताया कि सुबह 8:00 बजे सो कर उठने के बाद खुद के रूटीन काम करना रहते थे। हालांकि घर के काम ज्यादा कुछ नहीं थे, इसलिए दिनभर फिर पढ़ना ही रहता था। इस दौरान थोड़ा टॉपर्स के वीडियो यूट्यूब पर वे देख लिया करती थीं और चूंकि स्कूल लाइफ में टीचर थोड़ा सख्त थीं, इसलिए तभी से डिसिप्लिन में रहना सीख लिया था। जोकि सफलता में बहुत काम आया और क्योंकि यूपीएससी के बारे में बचपन से सुन रखा था कि बहुत पावरफुल पोस्ट होती है। इसलिए इसका सपना बचपन से ही था।

हालांकि इसके लिए पहले लॉ की डिग्री लेकर जॉब किया। ताकि यदि सलेक्शन नहीं हो तो भी भविष्य सुरक्षित रहे। तैयारी के दौरान भी अक्सर मोबाइल पर फोन ना आए, इसको लेकर फ्लाइट मोड पर डालकर पढ़ाई करना होती थी और इसके अलावा उन्हें कोई खास पढ़ाई में अड़चन नहीं आई। वहीं परिवार का भी पूरा सपोर्ट था। इसलिए सफलता मिल पाई है। उन्होंने कहा कि, कई लोगों को इस एग्जाम में सफलता नहीं मिल पाई।

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