किसानों से चर्चा करते सिलावट
खंडवा में प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट को किसानों का भारी आक्रोश झेलना पड़ गया। दरअसल मंत्री सिलावट जन आशीर्वाद यात्रा की बैठक लेने खंडवा के मांधाता पहुंचे थे। मंत्री के आने की भनक लगते ही सैकड़ो किसान उनसे मिलने पहुंचे। लेकिन अपनी समस्या का समाधान ना होते देख किसान भड़क गए और मंत्री को अपनी बैठक अधूरी छोड़ उल्टे पांव वापस भागना पड़ गया। बता दें कि बारिश न होने से फसल खराब होने और बिजली कंपनी द्वारा सिंचाई के लिए देर रात में बिजली देने के चलते किसान प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से नाराज हैं।
खंडवा में बारिश की कमी के चलते खेतों में खड़ी फसल सूखने लगी है, और बिजली कंपनी के नए फरमान से किसानों की बची खुची आस भी अब टूटने लगी है। बिजली विभाग ने किसानों को सिंचाई के लिए बिजली देने का समय रात के सात घंटे निर्धारित किया है, तो वहीं इसको लेकर किसानों में जमकर आक्रोश देखा जा रहा है। इसी बीच जन आशीर्वाद यात्रा की बैठक लेने खंडवा के मांधाता पहुंचे प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट को किसानों का भारी विरोध झेलना पड़ गया। मंत्री के आने की खबर मिलते ही सैकड़ो किसान उनसे मिलकर अपनी समस्या बताने पहुंचे थे। इस दौरान मंत्री से संतुष्टिपूर्ण जवाब न मिलने पर किसान भड़क उठे और मंत्री का ही विरोध करने लगे। विरोध बढ़ता देख मंत्री सिलावट को भी बैठक अधूरी छोड़ वहां से भागना पड़ गया।
पावर हब वाले प्रदेश में किसान को नहीं बिजली
मंत्री से मिलने पहुंचे किसान नेता नारायण सिंह का कहना था कि किसानों की खराब हुई फसलों का जल्द से जल्द सर्वे कराकर उचित मुआवजा मिले, साथ ही सिंचाई के लिए सात घंटे की जगह 10 घंटे दिन के समय ही बिजली मिले। किसान नेता के आरोप थे कि प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रदेश को पावर हब बताते हैं और यहां के किसानों को ही प्रदेश सरकार बिजली उपलब्ध नहीं करवा पा रही है।
बैठक लेने पहुंचे थे मंत्री
मध्यप्रदेश में आगामी कुछ दिनों में विधानसभा चुनाव हैं, और ऐसे में वोटर का आशीर्वाद लेने के लिए भारतीय जनता पार्टी पूरे प्रदेश में पांच जन आशीर्वाद यात्राएं निकाल रही है। ऐसे ही इंदौर संभाग से निकलने वाली एक जन आशीर्वाद यात्रा की बैठक लेने प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट शनिवार शाम खंडवा के मांधाता पहुंचे थे।