जर्जर स्कूल
मध्यप्रदेश का शिक्षा बजट भले ही करोड़ का होता हो, लेकिन इसका उपयोग जमीनी स्तर पर कितना होता है, इसकी एक तस्वीर सामने आई है। जहां कई साल से छतिग्रस्त स्कूल होने के चलते पूरे के पूरे स्कूल को एक निजी कमरे को किराए से लेकर संचालित करने की नौबत आन पड़ी।
दरअसल, यह पूरा मामला कटनी जिले के दलीपुर टोला ग्राम का है। जहां संचालित प्राथमिक शाला एक साल पहले ही पूरी तरह छतिग्रस्त हो गया था, जिसको लेकर कई बार स्कूल के शिक्षकों द्वारा बीआरसी से लेकर शिक्षा विभाग को पत्राचार के माध्यम से जानकारी दी गई। लेकिन जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो स्कूल के शिक्षिका ने बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पास के ही बरगद के पेड़ के नीचे कक्षाएं लगानी शुरू कर दी थी।
बता दें, शासकीय प्राथमिक शाला दलीपुर टोला के भवन की न सिर्फ दीवारों में दरारें है, बल्कि उसके छज्जे का प्लास्टर बच्चों के ऊपर दो बार गिर चुका था। हालांकि, स्कूल में बच्चों के लिए टेबल कुर्सी से लेकर सभी व्यवस्था मौजूद थी। लेकिन समय के साथ-साथ स्कूल जर्जर होता चला गया और बीती बारिश में पूरे भवन में शीत आ गई।
दलीपुर टोला की शिक्षिका नेहा नगरिया बताती हैं, स्कूल जर्जर होने के कारण बरगद के पेड़ के नीचे स्कूल लगाना पड़ा था। लेकिन बीआरसी कार्यालय द्वारा अब किराए के मकान की व्यवस्था करा दी है। वहीं, मामला कलेक्टर अवि प्रसाद के संज्ञान में आते ही प्राथमिक स्कूल भवन के राशि स्वीकृत करा दी है, जिससे आने वाले वक्त में आंगनवाड़ी भवन के पास स्कूल का निर्माण भी कराया जाएगा।