Jabalpur News:’पॉलिसी का ड्राफ्ट किसने तैयार किया, नाम बताएं’, साइलेंट किलर बोरवेल मामले में कोर्ट सख्त

Jabalpur: 'Who prepared the draft policy, tell the name', court strict in silent killer borewell case

court room

बोरवेल के संबंध में सरकार द्वारा तैयार की गई ड्रॉफ्ट पॉलिसी बुधवार को हाईकोर्ट में पेश की गई। ड्रॉफ्ट पॉलिसी का अवलोकन करने के बाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमथ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने जमकर नाराजगी व्यक्त की। साथ ही उसे तैयार करने वाले का नाम बताने के निर्देश जारी किए।

भोजन अवकाश के बाद सरकार की तरफ से बताया गया कि ड्रॉफ्ट पॉलिसी तैयार करने वाले व्यक्ति की जानकारी प्राप्त नहीं हो पाई है। युगलपीठ ने सरकार को निर्देशित किया है कि 24 घंटो में उस व्यक्ति का नाम कोर्ट को बताया जाए। युगलपीठ ने याचिका पर अगली सुनवाई गुरुवार को निर्धारित की है।

गौरतलब है कि सीहोर जिले के ग्राम मुंगावली में गत 6 जून को तीन साल की मासूम सृष्टि खेलते समय खेत में खुले हुए बोरवेल के अंदर गिर गई थी। बच्ची बोरवेल में 40 फीट अंदर जाकर फंस गई थी। उसे बचाने के लिए रोबोटिक विशेषज्ञों, सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ कर्मियों की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन प्रारंभ किया था। रेस्क्यू ऑपरेशन में इस्तेमाल की जा रही मशीनों के कंपन के कारण वह 100 फीट गहराई तक चली गई थी। रेस्क्यू ऑपरेशन लगभग 50 घंटे तक चला और उसे बेहोशी की हालत में बाहर निकाला गया। उसे उपचार के लिए ले जाया गया और डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

संज्ञान याचिका में कहा गया था कि बच्चों को जिंदा दफन करने वाले किलर बोरवेल का जाल बन गया है। यह सूची काफी लंबी है राजकुमार, माही, साई, नदीम, सीमा, फतेहवीर, रितेश और हाल ही में सृष्टि के साथ-साथ कई और खुशमिजाज प्यारे बच्चे की मौत बोरवेल में गिरने के कारण हुई है। कुछ को बचा लिया गया और कुछ इस गहरी, अंधेरी खाई में खो गए। बोरवेल दुर्घटनाएं हमारे समाज के लिए काली छाया हैं। जिससे निर्दोष लोगों की जान को गंभीर खतरा होता है। ऐसी घटनाओं से पूरे देश व परिवारों को असहनीय पीड़ा देती है। भूजल तक पहुंचने के लिए मूल्यवान संसाधन बोरवेल साइलेंट किलर बन गए हैं। बोरवेल में दुर्घटनाएं आमतौर पर लापरवाही, जागरूकता की कमी और अपर्याप्त सुरक्षा उपाय के कारण होती हैं।

पिछली सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से बताया गया था कि ड्रॉफ्ट पॉलिसी तैयार नहीं करते हुए बोरवेल के संबंध में अधिनियम बनाया जा रहा है। युगलपीठ ने सरकार के रवैये पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा था कि सरकार ने जनवरी माह में कोर्ट को बताया था कि ड्रॉफ्ट पॉलिसी तैयार है और दो सप्ताह में न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर दी जाएगी। सरकार की तरफ से बताया गया कि तैयार कर ली गयी है। याचिका पर बुधवार को ड्रॉफ्ट पॉलिसी का अवलोकन करने के बाद युगलपीठ ने जमकर नाराजगी व्यक्त की। युगलपीठ ने कहा कि तरह की ड्रॉफ्ट पॉलिसी उन्होंने कभी देखी नहीं है।

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