सांकेतिक तस्वीर।
मेडिकल फिटनेट सार्टिफिकेट के लिए शासकीय विक्टोरिया अस्पताल में पदस्थ दो कर्मचारियों को लोकायुक्त ने ढाई हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा था। न्यायालय ने प्रकरण की सुनवाई करते हुए दोनों आरोपियों को दोषी करार देते हुए चार-चार साल के कारावास तथा चार हजार रुपये जुर्माने की सजा से दण्डित किया है।
लोकायुक्त की तरफ से पैरवी करते हुए विशेष अभियोजक प्रशांत शुक्ला की तरफ से विशेष न्यायाधीश लोकायुक्त को बताया गया कि माढोताल निवासी गोविंद पटेल के दादा के नाम पर बंदुक का लायसेंस था। उनकी मौत के बाद गोविंद लायसेंस अपने नाम करवाना चाहता था। जिससे लिए उसे मेडिकल फिटनेस सार्टिफिकेट की आवश्यकता थी। जिला विक्टोरिया अस्पताल में पदस्थ भृत्य शवपूजन तथा आउट सोर्स कर्मचारी मोहित सोनी ने उससे ढाई हजार रुपये रिश्वत में मांगे थे। जिसकी शिकायत लोकायुक्त विभाग से की गयी थी। लोकायुक्त की टीम ने दिनांक 28 अगस्त 2017 को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा था। न्यायालय ने सुनवाई के दौरान पेश साक्ष्य व गवाहों के आधार पर आरोपियों को चार-चार साल की सजा से दण्डित किया।