फर्जी जाति प्रमाणपत्र पर आदिवासी जमीन घोटाला
कौड़ियों के भाव में जमीन खरीदा
दोनों के नाम पर सर्टिफिकेट अनुविभागीय अधिकारी तहसील दमोह से मार्च 2021 में जारी हुआ था। उन्हें गाम चौपराखुद जिला दमोह का निवासी बताया गया। सर्टिफिकेट में अनुविभागीय अधिकारी के रूप में राकेश कुशरे के हस्ताक्षर थे। जांच में पाया गया कि सर्टिफिकेट जारी होने की तारीख को अनुविभागीय अधिकारी के रूप में राकेश कुशरे पदस्थ ही नहीं थे। वह इसके पहले अनुविभागीय अधिकारी के रूप में पदस्थ थे। फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर आरोपियों ने विभिन्न स्थानों में पांच जमीन खरीदी है। जिसका वास्तविक मूल्य करोड़ रुपये है। आरोपियों द्वारा उक्त जमीन को कौड़ियों के भाव में खरीदा गया है। दोनों आरोपियों सहित अन्य के खिलाफ मामले दर्ज कर मामले को विवेचना में लिया गया है।