सीबीआई की विशेष अदालत ने डाक विभाग के तीन अधिकारियों को भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के मामले में दोषी करार देते हुए पांच-पांच साल की सजा सुनाई है। साथ ही प्रत्येक पर पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
मामला क्या है?
अभियोजन के मुताबिक, बीना एलएसजी उप डाकघर में तैनात तत्कालीन उप डाकपाल विशाल कुमार अहिरवार, हेमंत सिंह और रानू नामदेव ने 1 जनवरी 2020 से 5 जुलाई 2021 के बीच बड़ी हेराफेरी की। आरोपियों ने ग्राहकों से जमा कराए गए पैसों को उनके खातों में जमा करने के बजाय गबन कर लिया और लोगों को फर्जी पासबुक जारी कर दी।
कैसे हुआ खुलासा?
जमा अवधि पूरी होने पर जब ग्राहक निकासी कराने पहुंचे, तो उनके खाते में राशि ही नहीं थी। इसके बाद मामला विभाग तक पहुंचा और शिकायत सीबीआई को सौंपी गई।
जांच और सजा
सीबीआई की जांच में साबित हुआ कि तीनों अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए सरकारी खजाने से ₹1,21,82,921 का गबन किया। भ्रष्टाचार, जालसाजी और धोखाधड़ी की विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज कर अदालत में चालान पेश किया गया। साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर विशेष अदालत ने तीनों को दोषी मानते हुए पांच-पांच साल की कैद की सजा सुनाई।
इस प्रकरण में सीबीआई की ओर से लोक अभियोजन संजय कुमार उपाध्याय ने पैरवी की।