मप्र हाईकोर्ट से एक छात्र नेता को करारा झटका लगा है।
– फोटो : ANI
मप्र हाईकोर्ट से एक छात्र नेता को करारा झटका लगा है। दरअसल भेड़ाघाट स्थित एक निजी स्कूल में हंगामा कर पुलिस से दुर्व्यवहार किए जाने के मामले में दर्ज एफआईआर को जस्टिस जीएस अहलूवालिया की एकलपीठ ने निरस्त करने से इंकार कर दिया है।
न्यायालय ने मामले में कहा कि याचिकाकर्ता यह स्पष्ट नहीं कर पाया है कि किस नियम के तहत स्वघोषित छात्र नेता को स्कूल के अंदर अनाधिकृत रूप से प्रवेश की अनुमति दी जा सकती है। याचिकाकर्ता को यह अधिकार नहीं है कि एफआईआर दर्ज करने से पहले उसे सुनवाई का अवसर मिले, क्योंकि उसने स्वयं यह स्वीकार किया है कि वह स्कूल के भीतर छात्र नेता के रूप में गया था। इस मामले की सुनवाई के दौरान छात्र नेता अभिषेक पांडे ने अपने मामले की स्वयं पैरवी की।
जानकारी के अनुसार विगत पांच अप्रैल 2024 को अभिषेक पांडे, आर्यन तिवारी और उनके कुछ साथी भेड़ाघाट स्थित ब्रिटिश फोर्ट स्कूल प्रबंधन से किसी मामले को लेकर मिलने गए थे। प्रबंधन के मना करने पर वे जबरन घुस गए और स्टाफ के साथ अभद्रता करने लगे। गाली-गलौच के साथ स्कूल में तोडफ़ोड़ की गई। इतना ही नहीं मौके पर पहुंची पुलिस के साथ भी दुर्व्यवहार किए जाने के आरोप हैं। सुनवाई पश्चात न्यायालय ने दर्ज एफआईआर निरस्त करने से इंकार कर दिया।