MP हाईकोर्ट
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मप्र हाईकोर्ट ने मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी से पूछा है कि जब केबल तार का कनेक्शन नहीं जोड़ा गया तो बिजली बिल क्यों भेजा गया। जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने कंपनी को जवाब पेश करने के निर्देश देते हुए याचिकाकर्ता के रिसॉर्ट का बिजली कनेक्शन नहीं काटने के निर्देश दिये हैं।
उमरिया निवासी मंजू सिन्हा की तरफ से दायर याचिका में कहा गया है कि वर्ष 2017 को रिसॉर्ट संचालन के लिए बिजली कनेक्शन लिया था। उसी दौरान विद्युत केबल की तार जल गई थी। जब कनेक्शन जोड़ने की कार्रवाई चल रही थी, तब बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के एसडीओ की आपत्ति के कारण कनेक्शन जोड़ा नहीं गया। जिसके बाद पांच सालों तक कनेक्शन बंद रहा, इसके बावजूद कंपनी ने 60 लाख रुपये का बिल भेज दिया। पूर्व में कोर्ट के आदेश पर पुनः कनेक्शन जोड़ दिया गया।
याचिकाकर्ता ने बिल माफी के लिए आवेदन बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के समक्ष पेश किया था, जिसे अस्वीकार कर दिया। इसके बाद विभाग ने 60 लाख की रिकवरी निकालकर बिजली कनेक्शन काटने का नोटिस दे दिया, जिसके कारण उक्त याचिका दायर की गयी है। याचिका की सुनवाई के बाद एकलपीठ ने ये आदेश जारी किये।