झाबुआ में वसुधा दीदीयों की मदद से रोक रहे महिला अपराध
500 गांव में तैनात की वसुधा दीदियां
झाबुआ आदिवासी बाहुल्य जिला है। यहां पर करीब 800 गांव हैं। इन गांवों में महिलाओं के साथ बैठक कर महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध की जानकारी उपलब्ध कराने जागरूक किया जा रहा है। जानकारी देने के तरीके के लिए भी प्रशिक्षित किया जा रहा है। इस मुहिम से पुलिस ने करीब 500 गांव में वसुधा दीदियां तैनात की हैं। यह घरेलू हिंसा, छेड़छाड़, मारपीट, लोकन प्रथा जैसी कुप्रथाओं को रोकने में मदद कर रही हैं।
वॉट्सअप ग्रुप बनाया
पुलिस ने निडर, सक्रिय, मजबूत कनेक्टिविटी और मोबाइल फ्रेंडली महिलाओं को वॉट्सअप ग्रुप बनाकर जोड़ा है। इनकी पहचान को गुप्त रखा जा रहा है। इस ग्रुप में महिलाओं को अलग-अलग कोर्ट के ऑर्डर और सरकार की तरफ से महिला और बच्चों के अधिकारों के आदेश भी शेयर कर जागरूक बनाया जा रहा है। समय-समय पर उनको शिकायत करने के तरीके, उनके अधिकार से भी अवगत कराया जा रहा है।
एसपी ने बताया ऐसे आया विचार
एसपी आगम जैन ने बताया कि झाबुआ एक आदिवासी बाहुल्य जिला है। यहां पर कई कुप्रथाएं प्रचलित हैं, जो यहां के लोगों के लिए सामान्य है। इसमें अधिकतर महिलाओं का शोषण होता है। जिसे दबा दिया जाता है। गांव के पुरुष सिर्फ पुरुष से संबंधित अपराध की जानकारी ही उपलब्ध कराते हैं। महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध की कोई सूचना नहीं देता था। इसको लेकर ही वसुधा दीदी बनाने को लेकर विचार है। इसमें कोटवार की तर्ज पर गांव में महिलाओं को जोड़ा जा रहा है। इनको वसुधा दीदी नाम दिया गया। इसमें गांव गांव में महिलाओं को एकत्रित कर उनको प्रशिक्षित किया गया। 50 महिलाओं को शामिल किया, जिसमें एक या दो महिलाएं गोपनीय तरीके से महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध की सूचनाएं उपलब्ध करा रही है। महिला अधिकारी ही संपर्क में रहती है। डेढ़ महीने में अभी शुरुआत में दो दर्जन शिकायतें मिली हैं।