Indore: तोलानी लोकसभा चुनाव लड़कर अपने पिता की परंपरा का पालन कर रहे हैं, चुनाव लड़ रहे हैं

Indore: Tolani is following his father's tradition by contesting Lok Sabha elections, contesting elections for

निर्दलीय उम्मीदवार परमानंद तोलानी।

इंदौर के परमानंद तोलानी ने गुरुवार को नामांकन पर्चा दाखिल किया। चाहे विधानसभा चुनाव हो या लोकसभा का, वे हर चुनाव में किस्मत आजमाते है। अभी तक कोई चुनाव तो जीत नहीं पाए, लेकिन पिछले चुनाव में अब तक वे सबसे अधिक दस हजार वोट लाए।

परमानंद के पिता मेठाराम तोलानी ने भी कई लोकसभा चुनाव लड़े। 1988 में उनका निधन हो गया तो बेटे ने पिता की परंपरा निभाई। 1989 में परमानंद ने पहले चुनाव लड़ा। तब भाजपा से सुमित्रा महाजन उम्मीदवार थी और कांग्रेस से प्रकाशचंद सेठी मैदान में थे। उस चुनाव में परमानंद को सिर्फ 230 वोट मिले थे।

19 वां चुनाव लड़ रहे है परमानंद

परमानंद अम तक आठ लोकसभा और आठ विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में खड़े हो चुके है। इसके अलावा दो बार मेयर का चुनाव भी वे लड़ चुके है। 19 वीं बार वे चुनाव मैदान में है। एक बार नगर निगम मेयर पद महिला के लिए आरक्षित हो गया था तो परमानंद ने अपनी पत्नी को चुनाव में खड़ा किया था। नामांकन भरने के बाद वे सादगी से चुनाव प्रचार भी करते है।

महंगा हो गया नामांकन दाखिल करना

तोलानी कहते है कि 35 सालों में चुनाव लड़ना और नामांंकन पर्चा दाखिल करना महंगा हो गया है। पहली बार जब 1989 में चुनाव लड़ा था तो नामांकन राशि का खर्च 500 रुपये लगा था, लेकिन अब 25 हजार रुपये खर्च करना पड़ते है। राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों को एक प्रस्तावक लगता है, लेकिन निर्दलीय उम्मीदवारों के लिए प्रस्तावकों की संख्या दस रखी गई है। इससे काफी परेशानी आती है। तोलानी कहते है कि लगातार चुनाव लड़ने के कारण वे पहचान के मोहताज नहीं है। राजनीतिक दलों से जुड़े ज्यादातर लोग उन्हें पहचानने लगे है।

Print Friendly, PDF & Email

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This will close in 0 seconds

error: Content is protected !!