गाइडलाइन में प्राधिकरण की प्रस्तावित टीपीएस योजनाओं में शामिल जमीनों के अलावा इंदौर-पीथमपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर तथा अन्य प्रमुख परियोजनाओं से जुड़ी जमीनों को भी शामिल किया गया है। स्टाम्प ड्यूटी से शासन को सबसे अधिक राजस्व इंदौर से प्राप्त होता है। चालू वित्त वर्ष में शासन ने 3200 करोड़ रुपए का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसमें से अब तक लगभग 2300 करोड़ रुपए की वसूली हो चुकी है। शेष सप्ताह में अधिक से अधिक रजिस्ट्रियों की संभावना है, जिसके चलते अंतिम 3-4 दिनों में स्लॉटों की संख्या बढ़ाई जा सकती है।
जनप्रतिनिधियों और किसानों की मांग पर बढ़ी दरें
वरिष्ठ जिला पंजीयक अमरेश नायडू के अनुसार, काली बिल्लौद के किसानों ने मांग की थी कि 2016 से गाइडलाइन नहीं बढ़ाई गई है, इसलिए उनकी बात को मान्य किया गया। इसी तरह विधायक मधु वर्मा द्वारा तिल्लौर बुजुर्ग की गाइडलाइन बढ़ाने की अनुशंसा की गई, जिसे स्वीकृति प्रदान की गई। वहीं, जीतू पटवारी और मुकेश पटवारी ने कैलोदकर्तान और वतनखेड़ी गांवों की गाइडलाइन बढ़ाने की मांग की थी, जिसे आंशिक रूप से स्वीकार किया गया है।
कुल स्थानों की संख्या पहुंची 4972
प्राप्त प्रस्तावों में कुछ अन्य गांवों के साथ-साथ 70 नई कॉलोनियों को भी गाइडलाइन में सम्मिलित करने का सुझाव था, जिसे मंजूरी दे दी गई है। इसके परिणामस्वरूप अब कुल 310 नई कॉलोनियां गाइडलाइन में शामिल हो चुकी हैं। इस प्रकार 1 अप्रैल से कुल 4972 स्थानों पर जमीन की सरकारी कीमतों में वृद्धि प्रभावी होगी। इसके आधार पर स्टाम्प ड्यूटी का निर्धारण किया जाएगा, जिससे शासन को राजस्व संग्रह में उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद है।