
इंदौर में कुलपति डॉ. केजी सुरेश सहित अन्य लोग
मीडिया के क्षेत्र में लगातार बदलाव आ रहे हैं। ऐसे में सर्वाधिक जिम्मेदारी हमारी बनती है। लिहाजा डिग्री कोर्स के साथ-साथ शार्ट टर्म डिप्लोमा भी शुरू किए गए हैं। यह कहना है माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर केजी सुरेश का।
बता दें कि शुक्रवार को इंदौर प्रवास के दौरान उन्होंने इंदौर प्रेस क्लब में चाय पर चर्चा कार्यक्रम में पत्रकारों से बातचीत की। उन्होंने विश्वविद्यालय में चल रहे नवाचार की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया, इन्हीं नवाचारों से विश्वविद्यालय को नई पहचान मिल रही है। मोजो और ग्रामीण पत्रकारिता पर विशेष पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं। फिल्म पत्रकारिता के पाठ्यक्रम को नए सिरे से आकार दिया जा रहा है।
राजधानी भोपाल के माखन नगर में 52 एकड़ पर बने कैंपस की जानकारी देते हुए बताया कि करीब सौ आवासीय इकाईयों के अलावा विभागवार भवन, साढ़े आठ सौ सीटिंग का एक ऑडिटोरियम भी तैयार हो गया है। इस मौके पर वरिष्ठ प्राध्यापक व कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. मान सिंह परमार तथा पत्रिका समागम के संपादक मनोज कुमार भी मौजूद रहे।
मोबाइल जर्नलिज्म के लिए डिप्लोमा
उन्होंने कहा, मोजो यानी मोबाइल जर्नलिज्म सबसे खास है। देखा जा रहा है कि आज हर स्मार्ट फोन धारक एक पत्रकार की भूमिका में है। यही नहीं प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े पत्रकार भी अधिकांश काम मोबाइल पर ही कर रहे हैं। ऐसे में मोजो के जरिए हम उन लोगों को पत्रकारिता की औपचारिक ट्रेनिंग देना चाहते हैं, जो इस क्षेत्र में करियर बनाने के इच्छुक हैं। यह इसलिए भी जरूरी है कि आने वाले दिनों में पत्रकारिता के लिए एक सामान्य डिग्री होना आवश्यक होने वाला है।
कम्यूनिटी रेडियो को मिल रहा प्रतिसाद
केजी सुरेश ने बताया, विश्वविद्यालय का अपना कम्यूनिटी रेडिया भी है। फ्रीक्वेंसी कम है पर गोविंदगढ़ कैंपस उंचाई पर होने के कारण इसका नेटवर्क सीहोर तक काम करता है। काफी अच्छा प्रतिसाद रेडियो को मिल रहा है। हाल ही में नेशनल फर्टिलाइजर लिमिटेड ने 10 लाख का करार हमसे किया है, जो इसके प्रभाव को दर्शाने वाली बात है।
फिल्म और रेडियो क्षेत्र में व्यापक अवसर
उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय ने फिल्म और रेडियो क्षेत्र में भी अलग- अलग कोर्स शुरू किए हैं। इन दोनों क्षेत्र में भी व्यापक अवसर है। इसीलिए विश्वविद्यालय में दोनों क्षेत्रों के लिए कोर्स शुरू किए गए हैं। इसके लिए फिल्म टेलीविजन इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया से भी सहयोग प्राप्त हो रहा है।
भारतीय जनसंचार संस्थान को डीम्ड यूनिवर्सिटी बनवाने में डॉ. परमार की अहम भूमिका
प्रोफेसर सुरेश ने बताया कि भारतीय जनसंचार संस्थान को डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा दिलवाने में डॉक्टर मान सिंह परमार की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रही है। वे केंद्र सरकार द्वारा गठित उच्च स्तरीय समिति के अध्यक्ष से और इसी समिति के अनुशंसा के आधार पर संस्थान को डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा दिया गया है। इस मौके पर इंदौर प्रेस क्लब की ओर से डॉ. परमार का सम्मान भी किया गया। इस मौके पर इंदौर प्रेस क्लब की ओर से इंदौर की स्वच्छता के इतिहास विषय पर पीएचडी अवार्ड होने पर वरिष्ठ पत्रकार और मीडिया प्राध्यापक डॉक्टर जितेंद्र जाखेटिया का सम्मान भी किया गया।