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इंदौर में डीएवीवी के सामने कांग्रेस ने प्रदर्शन किया। इंदौर शहर कांग्रेस कमेटी के कार्यवाहक अध्यक्ष देवेंद्र सिंह यादव ने बताया कि इंदौर शहर कांग्रेस द्वारा शिक्षा को अवैध धंधा बनाने वाले शिक्षा माफिया के खिलाफ आज देवी अहिल्या विश्वविद्यालय पर काली पट्टी बांधकर हल्ला बोल पोल खोलो अभियान चलाया गया।
कड़ी जांच की मांग
इसके तहत शिक्षा की आड़ में अनियमिताएं करने वाले आयडलिक कॉलेज के खिलाफ कड़ी जांच की मांग की गई। गौरतलब है कि एमबीए पेपर लीक कांड की जांच में पता चला था कि इसी कॉलेज से पेपर लीक हुए थे। यह कॉलेज कांग्रेस से भाजपा में गए अक्षय बम का है। यादव ने बताया कि इंदौर शहर कांग्रेस कमेटी द्वारा विश्वविद्यालय के अलावा रीगल चौराहा, रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, ई-रिक्शा, रिक्शा, बसों पर यह पोस्टर लगाए गए। यादव ने बताया कि इस मामले में कॉलेज संचालक अक्षय बम एवं प्राचार्य दोषी हैं। इसके साथ विश्वविद्यालय प्रशासन, कुलपति, कार्यपरिषद सदस्य, उच्च शिक्षा आयुक्त भी दोषी हैं जिन्होंने मान्यता निरस्त नहीं की। जांच के बाद इन सभी के ऊपर भी कार्रवाई होना चाहिए।
यूनिवर्सिटी की क्या मजबूरी थी
यादव ने आगे बताया है कि भाजपा नेता अक्षय बम के कॉलेज में वर्षों से अनियमिताएं हो रही हैं। केवल 10-12 छात्रों को ट्यूशन पड़ाने वाला और साइकिल पर चलने वाला अक्षय बम अपने कॉलेज में अनियमिताएं करके और शिक्षा को अवैध धंधा बनाकर कुछ ही वर्षों में करोड़पति बन गया और शिक्षा का एक बड़ा साम्राज्य खड़ा कर दिया। शिक्षा को धंधा बनाने वाले अक्षय बम के कॉलेज की तमाम गड़बड़ियां बता रही हैं की बम के कॉलेज से हुए पेपर लीक मामले में कर्मचारियों पर ही कार्रवाई की गई, मालिक अक्षय बम को छोड़ दिया गया। मालिक अक्षय बम और प्राचार्य की मर्जी के बिना कर्मचारी कुछ कर सकते हैं क्या? यूनिवर्सिटी ने केवल पांच लाख का जुर्माना लगाया है एवं उसके कॉलेज से तीन साल के लिए परीक्षा केंद्र को हटाया गया है और कॉलेज की मान्यता रद्द नहीं की गई है। अक्षय बम के एक ही कैंपस में कई कॉलेज चल रहे हैं जो नियमो की धज्जियां उड़ा रहे हैं। यादव ने आरोप लगाते हुए कहा है कि आखिर ऐसी क्या मजबूरी थी, जिसने विश्वविद्यालय को नियमअनुसार कार्रवाई करने से रोक दिया। इन सभी बातों की जांच की जाना चाहिए और दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए।