
मेट्रो काॅरिडोर के आसपास होगा टीओडी आधारित विकास
विदेशो की तर्ज पर टीओडी आधारित विकास मेट्रो काॅरिडोर के दोनों तरफ 500 मीटर चौड़ाई में होगा। इसके अंतर्गत जमीन मालिक मिक्स लैंड यूज के तहत निर्माण कर सकते है और अतिरिक्त एफएआर भी मिलेगा। इंदौर के सुपर काॅरिडोर की प्लानिंग इंदौर विकास प्राधिकरण पहले भी टीओडी आधार पर कर चुका है।
अब इसका दायरा एयरपोर्ट क्षेत्र, गांधी नगर, कुर्मेडी विजय नगर, रिंग रोड, पलासिया सहित 31 किलोमीटर के मेट्रो रुट तक बढ़ेगा। नगर तथा ग्राम निवेश के अफसरों के अनुसार 30 दिन में जो दावे आपत्तियां आएंगी। उसकी सुनवाई के बाद मौजूदा मास्टर प्लान में टीओडी काॅरिडोर को जोड़ा जाएगा। अभी इंदौर में गांधी नगर से खजराना चौराहे तक मेट्रो का काम चल रहा है। पांच किलोमीटर हिस्से में मेट्रो ट्रेन का ट्रायल रन भी हो चुका है।
क्या है टीओडी
ट्रांजिट ओरिएंटेेड डेवलपमेंट को सरकार ज्यादा आबादी वाले शहरों मेें बढ़ावा दे रही है, ताकि प्रमुख मार्गों के आसपास ही व्यावसायिक गतिविधियां, आवास व अन्य बुनियादी सुविधाएं लोगों को मिल सके और वे अनावश्यक परिवहन से बचे और लोक परिवहन को ज्यादा अपनाए।
अभी शहर के ज्यादातर क्षेत्रों में नौकरी, बच्चों के स्कूल या बाजार के लिए शहर के एक हिस्से से दूसरे हिस्से तक जाना पड़ता है। इस तरह के काॅरिडोर विकसित करते समय लोक परिवहन के ज्यादा विकल्प, पर्याप्त पार्किंग का भी ध्यान रखा जाता है। इंदौर के आठ किलोमीटर के सुपर काॅरिडोर को दस लेन इसे ध्यान मेें रखकर ही बनाया गया है, ताकि काॅरिडोर के आसपास की बसाहट के आवागमन के लिए सर्विस रोड ही पर्याप्त रहे, उन्हें मुख्य मार्ग पर आना ही न पड़े।