
पीएम मोदी की टीम में शामिल हुईं सांसद सावित्री।
इस बार मंत्रिमंडल में आदिवासी अंचल को भी प्रतिनिधित्व मिला है। धार की सांसद सावित्री ठाकुर को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। सावित्री को मंत्री बनकर भाजपा ने मालवा निमाड़ में एक आदिवासी नेेतृत्व दिया है। उनका चयन क्षेत्रीय समीकरणों के कारण भी हुआ।
आदिवासी अंचल और निमाड़ में ठाकुर का अब प्रभाव रहेगा। इससे पहले भी भाजपा ने आदिवासी क्षेत्र से सुमेर सिंंह सोलंकी को राज्य सभा भेजा और हर्ष चौहान को भी महत्वपूर्ण पद दिया था।
यह पहला मौका है जब भाजपा संगठन ने मालवा निमाड़ की दो सीटों पर महिला कार्ड खेलते हुए सावित्री ठाकुर और पड़ोसी लोकसभा क्षेत्र झाबुआ से अनिता चौहान को टिकट दिया। दोनों ही उम्मीदवार तगड़े मार्जिन से चुनाव जीतीं। अब एनडीए सरकार में सावित्री को शामिल कर सरकार ने संदेश दे दिया कि आदिवासी समाज को अहमियत दी जा रही है।
सावित्री वर्ष 2014 में धार से सांसद रह चुकी हैं। वर्ष 2019 में उनका टिकट कट गया था,लेकिन इस बार फिर भाजपा ने उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया था। चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के राधेश्याम मुवेल को हराया है।
चार बातें, जिससे सावित्री का दावा हुआ मजबूत
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- पिछली सरकार में आदिवासी कोटे से फग्गन सिंह कुलस्ते को मंत्री बनाया गया था। भाजपा आदिवासी समाज से नया और युवा चेहरा चाहती थी। सावित्री महिला होने के साथ नया चेहरा भी हैं।
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- आदिवासी अंचल में संघ, हिन्दू संगठनों की पकड़ मजबूत है। इस क्षेत्र में धर्मांतरण के मामले में भी ज्यादा होते हैं, इसलिए भाजपा आदिवासी समाज से नया नेतृत्व देकर समाज को साधा गया है।
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- विधानसभा चुनाव में बीते दस सालों से आदिवासी बाहुल्य विधानसभा क्षेत्रों मेे कांग्रेस का वोट शेयर भाजपा से ज्यादा रहा है। इस बार भी कांग्रेस ने ज्यादा सीट मालवा निमाड़ की सीटों पर जीती थीं। क्षेत्रीय समीकरणों के कारण भी सावित्री को मंत्री बनाया गया।
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- आदिवासी अंचल से कांग्रेस के पास कांतिलाल भूरिया, सेना पटेल, विक्रांत भूरिया जैसे स्थापित नेता हैं। भाजपा की तरफ से यहां बड़ा नेतृत्व उभर नहीं पाया था। सावित्री के बहाने भाजपा बड़ा नेतृत्व देना चाहती है।