Harda Blast: एक साल पहले भी घटी थी घटना, शिकायतों के बाद भी मूकदर्शक बना रहा प्रशासन


हरदा फटाका फैक्ट्री में अचानक आग लगने से शहर में हड़कंप की स्थिति मची हुई है। हादसे में सैकड़ों लोगों की जान जाने की आशंका जताई जा रही है। मौके पर कलेक्टर एसपी समेत तमाम अधिकारी पहुंचे हुए हैं। आग पर काबू पाने की कोशिश लगातार जारी हैं, मगर आग इतनी भयंकर है कि फायर ब्रिगेड लगातार प्रयास के बाद भी स्थिति अभी तक काबू में नहीं आ पाई है।
एंबुलेंस की मदद से फंसे लोगों को निकालकर अस्पताल पहुंचाया जा रहा है। बड़ी संख्या में फंसे लोगों को बचाने के प्रयास में स्थानीय प्रशासन पूरा जोर लगाए हुए है। प्रशासन का प्रयास है कि जल्द से जल्द आग पर काबू पाकर लोगों को सही सलामत बाहर निकाल लिया जाए।
एक से डेढ़ साल पूर्व में भी पटाखा फैक्ट्री में आग लगी थी। उस समय भी कई लोगों की जान गई थी। प्रशासन ने उस वक्त भी फैक्ट्री संचालक सोमेश अग्रवाल राजू के ऊपर कोई कार्रवाई नहीं की थी। वह हमेशा प्रशासन की मिलीभगत से ही अपनी फैक्ट्री चला रहा है। आरोप ये भी है कि पटाखा फैक्ट्री संचालक के लोगों को घरों पर बारूद देता था, ताकि घर पर बैठकर पटाखा बनाया जा सके।
पटाखा फैक्ट्री में जिस दिन आग लगी थी उसे दिन भी 80 से 100 लोग फैक्ट्री में काम कर रहे थे। फैक्ट्री संचालक मजदूरों के लिए कोई भी सुविधा नहीं थी, जिससे कि वह अपनी जान बचाकर भाग सके। पूर्व में भी पतलक पटाखा संचालक राजू अग्रवाल के खिलाफ में शिकायत की गई थी। इसके बाद भी प्रशासन ने कोई एक्शन नहीं लिया। अगर प्रशासन एक्शन लेता तो आज इस वक्त यह दुर्घटना की संभावना नहीं होती।

घरों तक ऐसे पहुंची आग

जानकारी के अनुसार मगरदा रोड स्थित पटाखा फैक्ट्री में पूर्व में भी एक हादसा हो चुका है। प्रशासन से कई बार नोटिस और ऊपर कारवाई के बाद भी व्यापार फलफूल रहा था। संचालक अपना कार्य निरंतर जारी रखता रहा। जानकारी में सामने आया है कि फैक्ट्री संचालक लोगों के घरों में बारूद भेजता था। घरों में रखा बारूद की वजह से ही ये आग इतनी भयानक हो गई, जिसमें फैक्ट्री के साथ-साथ गई घर लपेटे में आ गए। आग लगने से काफी लोगों का नुकसान हुआ है। पूरे घर की घर जल चुके हैं। अभी अनुमान नहीं लगाया जा सकता है कि कितने लोगों की जान मुसीबत में फंसी हुई है। पुलिस का प्रयास है कि लोगों को जल्द से जल्द निकला।

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