G20 Summit : जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने भारत आएंगे कनाडा के पीएम ट्रूडो, वैश्विक संकट पर करेंगे चर्चा

Canada PM Justin Trudeau to visit India for G20 Summit to advocate for Russia to withdraw from Ukraine

justin trudeau with pm modi (File Photo)
– फोटो : पीटीआई

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो 9 से 10 सितंबर तक नई दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारत का दौरा करेंगे। नई दिल्ली यात्रा से पहले, ट्रूडो आसियान शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए इंडोनेशिया और उसके बाद द्विपक्षीय यात्रा के लिए सिंगापुर जाएंगे।

नई दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन में, ट्रूडो वैश्विक संकटों से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के साथ काम करेंगे ताकि दुनिया भर के लोगों के लिए एक बेहतर कल का निर्माण किया जा सके। वह एसडीजी अधिवक्ता समूह के सह-अध्यक्ष के रूप में संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को बढ़ावा देंगे। कनाडा के प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा, ट्रूडो यूक्रेन में सैन्य हमले के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को जवाबदेह ठहराने के लिए सामूहिक कार्रवाई की वकालत करना जारी रखेंगे।

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो 9-10 सितंबर तक नई दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। नई दिल्ली यात्रा से पहले, ट्रूडो आसियान शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए इंडोनेशिया की यात्रा करेंगे और उसके बाद द्विपक्षीय यात्रा के लिए सिंगापुर जाएंगे। कनाडा के प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि पीएम जस्टिन ट्रूडो ने घोषणा की है कि वह 5-6 सितंबर तक आसियान शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए जकार्ता (इंडोनेशिया) की यात्रा करेंगे। इसके बाद वह 7-8 सितंबर तक सिंगापुर की यात्रा पर रहेंगे।

बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री ट्रूडो एसडीजी अधिवक्ता समूह के सह-अध्यक्ष के रूप में यूएन के सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को बढ़ावा देंगे। साथ ही जलवायु परिवर्तन, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थान सुधार, खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा, लैंगिक समानता और बेहतर वैश्विक स्वास्थ्य के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की वकालत करेंगे।

यूक्रेन में रूस की आक्रामकता क्रूर युद्ध…

बयान में कहा गया है कि कनाडा नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था और उन नियमों पर निर्भर वैश्विक व्यापार और आर्थिक प्रगति का चैंपियन है और हमेशा रहेगा। यूक्रेन में रूस की आक्रामकता क्रूर युद्ध है। उस व्यवस्था पर हमला, जिन पर सभी देश व्यापार, विकास और अपने नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए भरोसा करते हैं।

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