पटना। बिहार में मसौदा मतदाता सूची में सुधार के लिए दावे और आपत्तियाँ दर्ज कराने की प्रक्रिया 1 अगस्त से शुरू हो चुकी है, लेकिन चुनाव आयोग के अनुसार अब तक किसी भी राजनीतिक दल ने एक भी दावा या आपत्ति प्रस्तुत नहीं की है।
चुनाव आयोग ने शनिवार (9 अगस्त, 2025) को बताया कि दावे-आपत्तियों की अवधि शुरू हुए एक सप्ताह से अधिक समय बीतने के बावजूद राजनीतिक दलों से कोई आवेदन नहीं आया है। वहीं, मतदाताओं से सीधे 7,252 दावे और आपत्तियाँ तथा 18 वर्ष या उससे अधिक आयु के नए मतदाताओं से 43,000 फॉर्म प्राप्त हुए हैं।

बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर विपक्ष ने विवाद खड़ा किया है। भारत गठबंधन का आरोप है कि इस प्रक्रिया से बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम हटाए जा सकते हैं। विपक्षी दल मानसून सत्र की शुरुआत से ही इस मुद्दे पर संसद में विरोध कर रहे हैं।
