
भोपाल | विशेष संवाददाता
मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के लिए अनिवार्य की गई डिजिटल अटेंडेंस प्रणाली इन दिनों विवाद का विषय बनी हुई है। शिक्षकों और स्कूली शिक्षा विभाग के अनेक कर्मचारी इस व्यवस्था का विरोध कर रहे हैं, वहीं विभाग अपने फैसले पर अडिग है। इस बीच प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने बड़ा बयान देते हुए डिजिटल अटेंडेंस को शिक्षकों के लिए सुविधाजनक बताया है।
भोपाल के टीटी नगर स्थित मॉडल स्कूल में आयोजित छात्रसंघ शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेते हुए मंत्री ने कहा कि नई डिजिटल प्रणाली से शिक्षक ऑनलाइन माध्यम से अवकाश स्वीकृति, लेखा संबंधी कार्यों और समस्याओं का समाधान प्राप्त कर सकेंगे। यह व्यवस्था भोपाल स्थित कमांड सेंटर से संचालित होगी।
अनुकंपा नियुक्ति नीति की घोषणा जल्द
मंत्री उदय प्रताप सिंह ने इस अवसर पर अनुकंपा नियुक्तियों को लेकर भी बड़ी घोषणा की। उन्होंने कहा कि विभाग जल्द ही नई नीति जारी करेगा, जिसके तहत दिवंगत शिक्षकों के आश्रितों के नियुक्ति संबंधी प्रकरणों को निश्चित समय-सीमा में हल किया जाएगा। यह लंबे समय से लंबित मांग को पूर्ण करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
नई शिक्षा नीति से कौशल और रोजगार में बढ़ेगी संभावना
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्कूल शिक्षा मंत्री ने नई शिक्षा नीति 2020 को देश की शिक्षा प्रणाली में ऐतिहासिक परिवर्तन बताते हुए कहा कि इससे विद्यार्थियों के कौशल विकास और भविष्य में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में अब तक 75,000 से अधिक स्कूलों को मॉडल, एक्सीलेंस और पीएम-श्री स्कूलों के रूप में विकसित किया जा चुका है।
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि राज्य में करीब 300 स्कूल ‘सांदीपनि विद्यालय’ के रूप में संचालित किए जा रहे हैं, जिनमें छात्रों को विश्वस्तरीय अध्ययन सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
प्रतिभाशाली विद्यार्थियों का सम्मान
मंत्री उदय प्रताप सिंह ने इस समारोह में 10वीं और 12वीं की परीक्षा में 90 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया। कार्यक्रम में उपस्थित विधायक भगवान दास सबनानी ने भी छात्रों को संबोधित किया और शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे सकारात्मक बदलावों की सराहना की।
लोकतंत्र की व्यावहारिक शिक्षा
मॉडल स्कूल की प्राचार्य रेखा शर्मा ने बताया कि छात्रसंघ चुनावों के आयोजन के माध्यम से विद्यार्थियों को लोकतांत्रिक प्रणाली और चुनाव प्रक्रिया की व्यवहारिक जानकारी दी जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि विद्यालय को हाल ही में गुणवत्ता आधारित कई राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुए हैं।
डिजिटल अटेंडेंस को लेकर शिक्षकों की आशंकाएं जहाँ एक ओर तकनीकी और व्यवस्थागत हैं, वहीं सरकार इसे आधुनिक और सहायक प्रणाली के रूप में देख रही है। इस टकराव के बीच शिक्षा मंत्री का यह बयान एक सकारात्मक संकेत है, बशर्ते डिजिटल ढांचे की ज़मीनी चुनौतियों का हल प्राथमिकता से किया जाए।