ई-संपदा 2.0 में सुविधा:नए सॉफ्टवेयर में लीज, रेंट अनुबंध, अचल संपत्ति पर लोन का रजिस्ट्रेशन होगा घर बैठे

Facility in e-Sampada 2.0: In the new software, registration of lease, rent contract, loan on immovable proper

ई-संपदा 2.0 सॉफ्टवेयर में जनता को मिलेगी कई सुविधाएं
– फोटो : social media

मध्य प्रदेश रजिस्ट्रेशन एवं स्टाम्प विभाग के नए ई-संपदा 2.0 सॉफ्टवेयर में जनता को कई सुविधाएं देने की तैयारी है। इसमें किराएदारी अनुबंध, भूखंड और अन्य अचल संपत्ति पर लोन, कम वर्षों की लीज और लोन से संबंधित दस्तावेजों का पंजीयन घर बैठे हो जाएगा। इसको लेकर विभाग काम कर रहा है। हालांकि, इसके लिए सरकार की तरफ से संबंधित कानूनों में बदलाव के बाद ही सुविधा का लाभ जनता को मिल सकेगा।

परियोजना अधिकारी संपदा एवं भोपाल जिला पंजीयक स्वप्नेंश शर्मा ने बताया कि जनता को सुविधा देने के लिए सॉफ्टवेयर में नए फीचर्स जोड़े गए हैं।

मध्य प्रदेश रजिस्ट्रेशन एवं स्टाम्प विभाग 35 करोड़ रुपए में ई-संपदा 2.0 सॉफ्टवेयर तैयार करा रहा है। वर्तमान ई-संपदा सॉफ्टवेयर में सात हजार की क्षमता वाले सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल रियल टाइम में 10 हजार से अधिक लोग कर रहे हैं। इसके चलते सर्वर डाउन समेत कई तनकीकी समस्याओं का लोगों को सामना करना पड़ रहा है।

घर बैठे पंजीयन सुविधा भी

अब नए ई संपदा सॉफ्टवेयर में क्षमता बढ़ाने के साथ ही नए तकनीक के साथ जनता को सुविधाएं देने की तैयारी की जा रही है। इसमें से एक सुविधा घर बैठे रजिस्ट्रेशन कराने की भी है। अधिकारियों के नए सॉफ्टवेयर में रेंट एग्रीमेंट, कम वर्षों के लिए लीज, कर्ज से संबंधित दस्तावेज, बैंक से संबंधित दस्तावेज और ऐसे दस्तावेज जिनका रजिस्ट्रेशन कराने की जरूरत नहीं है, लेकिन फिर भी लोग कराते हैं। जिसमें इक्विटेल मॉडगेज, प्लॉट एवं संपत्ति और चल संपत्ति पर लोन के लिए दस्तावेजों का रजिस्ट्रेशन कराने उप पंजीयन कार्यालय आने की जरूरत नहीं होगी।

यह होगी प्रक्रिया 

घर बैठे पंजीयन के लिए सॉफ्टवेयर में जरूरी फीचर्स को जोड़ा जा रहा है। इसमें आधार और ईकेवासी जरूरी होगा। इसमें संबंधित लोगों के बॉयोलॉजिकल आईडेंटिफिकेशन से दस्तावेज तैयार किया जाएगा। इसे संबंधित व्यक्ति को सत्यापित करना होगा। इसमें सभी पक्षकारों का अलग-अलग माध्यम से ऑनलाइन वैरिफिकेशन होगा। हालांकि, सॉफ्टवेयर तैयार होने के साथ ही विभाग आवश्यक कानून में बदलाव के लिए शासन को लिखेगा। इसमें संशोधन के बाद ही संबंधित सेवा का लाभ लोग उठा सकेंगे।

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