Lucknow : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के मनकामेश्वर मंदिर में लोगों की भारी भीड़ होती है. यहां दूर दूर से भक्त अपनी मनोकामना लेकर आते हैं. यहां की व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए प्रशासन पूरे जोश के साथ काम कर रहा है. मनकामेश्वर मंदिर में दूध चढ़ाने की परंपरा है. दूध को एक पात्र में एकत्र कर उसकी खीर बनाकर लोगों को प्रसाद के तौर पर दी जाती है. इसके लिए खास इंतजाम किए गए हैं.
वहीं, मनकामेश्वर मंदिर में पूजन के लिए अब ड्रेस कोड जारी हो गया है. पुरुष श्रद्धालुओं को मंदिर के अंदर कुर्ता-धोती और महिलाओं को साड़ी पहनकर आने के लिए कहा गया है. मंदिर प्रशासन की ओर से कहा गया है कि बिना ड्रेस कोड के गर्भगृह में जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
मनकामेश्वर मंदिर की महंत देव्यागिरी का कहना है कि गर्भगृह में प्रवेश के लिए श्रद्धालुओं को भारतीय संस्कृति के अनुसार कपड़े पहन कर आना जरूरी है. सावन पर उन्हीं लोगों को गर्भगृह में प्रवेश मिलता है जो श्रृंगार या अभिषेक करवाते हैं. उन्होने कहा कि अक्सर देखा जाता है कि श्रद्धालु शॉर्टस, जींस और स्कर्ट जैसे कपड़े पहनकर आ जाते है, जो उचित नहीं है और यह हमारी संस्कृति और सभ्यता के खिलाफ है. इसीलिए मंदिर में अब ड्रेस कोड लागू करने का फैसला लिया गया है.
हापुड़ के मुक्तेश्वर महादेव मंदिर में भक्तों के लिए ड्रेस कोड लागू
वहीं, हापुड़ के प्रसिद्ध मुक्तेश्वर महादेव मंदिर में भी अब भक्तों के लिए ड्रेस कोड लागू कर दिया गया है. इसके तहत मंदिर में फटी जींस, शॉर्ट्स, फ्रॉक और नाइट सूट जैसे कपड़े पहनकर आने वाले भक्तों को एंट्री नहीं दी जाएगी. गढ़ के राजा श्री मुक्तेश्वर महादेव मंदिर प्रशासन की ओर से मंदिर के बाहर व अंदर पोस्टर लगा दिए गए हैं, जिसमें श्रद्धालुओं से मंदिर के भीतर मर्यादित कपड़े पहनकर आने की अपील की गई है.
छोटे कपड़े पहनने से होती है मंदिर की गरिमा भंग
मंदिर प्रशासन का कहना है कि मंदिर के अंदर कटे-फटे और छोटे कपड़े पहनने से मंदिर की गरिमा भंग होती है. भक्तों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए. अगर भक्त इस तरह के कपड़े पहन कर आते हैं तो उन्हें मंदिर के अंदर प्रवेश नहीं मिलेगा और वो बाहर से ही भगवान के दर्शन कर सकते हैं.