डॉक्टर्स रंग छुड़ाने के इसी तरीके पर ऐतराज जताते हैं. चिकित्सकों का कहना है कि कपड़े धोने के साबुन से रंग छुड़ाने की कोशिश आपके चेहरे का नूर छीन सकती है. इससे कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं. दरअसल, कपड़े धोने वाले साबुन और डिटर्जेंट में सोडियम लौरेल सल्फेट, सल्फर ट्राईऑक्साइड, एथिलीन ऑक्साइड समेत कई केमिकल होते हैं. कपड़े धोने के साबुन और डिटर्जेंट में मौजूद यही केमिकल्स आपकी त्वचा को बहुत नुकसान पहुंचा सकते हैं. कपड़े धोने के साबुन में फार्मेल्डिहाइड का प्रिजर्वेटिव के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है.
त्वचा में सूजन कर सकता है लॉन्ड्री सोप
प्रिजर्वेटिव ना सिर्फ स्किन को, बल्कि फेफड़ों और आंखों को भी नुकसान पहुंचा सकता है. वहीं, अगर आप बार-बार इसका इस्तेमाल करते हैं तो स्किन से जुड़ी बीमारी एक्जिमा और आंखों में जलन की समस्या से परेशान हो सकते हैं. कपड़े धोने के साबुन और डिटर्जेंट में मिला हुआ ब्लीच भी काफी नुकसानदायक होता है. डिटर्जेंट और साबुन में मिला ब्लीच सफेद या हल्के रंग के कपड़ों से दाग छुड़ाता है. लेकिन, इससे खुजली और एलर्जी हो सकती है. ब्लीचिंग पाउडर मिले हुए साबुन, डिटर्जेंट और लिक्विड से कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस हो सकता है. इससे त्वचा में सूजन हो सकती है.

ब्लीचिंग पाउडर मिले हुए साबुन, डिटर्जेंट और लिक्विड से कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस हो सकता है.
खूश्बू के लिए भी मिलाए जाते हैं केमिकल
चिकित्सकों का कहना है कि ब्लीच में मौजूद केमिकल्स से त्वचा पर रैशेज, चकत्ते, दाने, छाले जैसी दिक्कतें हो सकती हैं. कई बार ये समस्या जल्द ठीक नहीं होती और सोरायसिस बन जाती है. कपड़े धोने के साबुन का शरीर पर इस्तेमाल त्वचा की नमी सोख लेता है. वहीं, कपड़े धोने के साबुन समेत सभी प्रोडक्ट्स में खुश्बू के लिए कई केमिकल्स मिलाए जाते हैं. ये खुश्बू सूंघने पर नाक में जलन और गले में खराश की समस्या हो सकती है. हमारी त्वचा केमिकल्स को सोख लेती है. इससे सूजन, एक्जिमा और एलर्जी हो सकती है.
डिशवॉश शोप स्किन को क्यों करते हैं नुकसान
बर्तन धोने के साबुन और लिक्विड्स को छाग बनाने वाले केमिकल्स के साथ ही खुश्बू वाले केमिकल्स, एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल केमिकल्स को मिलाकर तैयार किया जाता है. इसके साथ ही इनमें कुछ ऐसे एक्टिव एजेंट्स भी मिलाए जाते हैं, जो हमारी त्वचा को नुकसान पहुंचाते हैं. डिशवॉशिंग साबुन और लिक्विड में सोडियम लौरेल सल्फेट मिलाया जाता है. लिहाजा, ये बेहतर होगा कि आप होली का रंग छुड़ाने के लिए कपड़े धोने के साबुन या डिटर्जेंट का इस्तेमाल करने से बचें. इसके बजाय नहाने का साबुन या उबटन का इस्तेमाल करें. अगर फिर भी रंग ना छूटे तो उसे वैसा ही रहने दें. दो या तीन दिन में होली का रंग खुद ही उतर जाएगा.

कपड़े धोने के साबुन समेत सभी प्रोडक्ट्स में खुश्बू के लिए कई केमिकल्स मिलाए जाते हैं.
नहाने और कपड़े धोने के साबुन में अंतर
अब सवाल ये उठता है कि नहाने के साबुन या लिक्विड में ऐसा क्या होता है कि हमारी त्वचा को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं. दरअसल, नहाने के साबुन लंबी श्रृंखला वाले फैटी एसिड के पोटेशियम लवण हैं. नहाने के साबुन आमतौर पर नरम होते हैं और अप्रयुक्त क्षार से भी मुक्त होते हैं. दूसरी ओर, कपड़े धोने के साबुन लंबी श्रृंखला वाले वसा अम्लों के सोडियम लवण होते हैं. वे आमतौर पर कठोर होते हैं और उनमें कुछ अवशिष्ट क्षार भी होते हैं.