पटना/मोतिहारी। बिहार में निवास प्रमाण पत्रों से जुड़ी फर्जीवाड़े की घटनाएं एक बार फिर ई-गवर्नेंस सिस्टम की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर रही हैं। ताज़ा मामला पूर्वी चंपारण के मोतिहारी से सामने आया है, जहाँ आवेदक ने खुद को ‘सोनालिका ट्रैक्टर’ बताते हुए, भोजपुरी अभिनेत्री मोनालिसा की तस्वीर लगाकर आवेदन किया। इससे एक दिन पहले ही पटना के मसौढ़ी में “कुत्ता बाबू” के नाम पर निवास प्रमाण पत्र जारी होने का मामला सामने आया था।
🔹 मोतिहारी (17 जुलाई):
आवेदक का नाम: सोनालिका ट्रैक्टर पिता का नाम: स्वराज ट्रैक्टर, माता का नाम: कार देवी
फोटो: भोजपुरी अभिनेत्री मोनालिसा थाना क्षेत्र: छौड़ादानो सत्यापन के बाद पाया गया कि आवेदन पूरी तरह फर्जी है।
🔹 पटना (मसौढ़ी, 15 जुलाई):
“कुत्ता बाबू” के नाम से जारी हुआ निवास प्रमाण पत्र। आवेदन दिल्ली निवासी महिला के आधार कार्ड से किया गया। एक राजस्व अधिकारी निलंबित, एक आईटी सहायक बर्खास्त। आवेदक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज।
प्रशासन में हड़कंप, कार्रवाई तेज मोतिहारी में साइबर सेल को जांच सौंपी गई है। कोटवा थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई। डीएम सौरव जोरवाल ने दोषियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।पटना के डीएम त्यागराजन एस.एम. ने इसे “सरकार की छवि को जानबूझकर धूमिल करने की साजिश” करार दिया।
व्यवस्था पर सवाल:
दोनों ही मामलों ने बिहार के ई-गवर्नेंस प्लेटफॉर्म और प्रमाण पत्र सत्यापन प्रणाली की कमजोरियों को उजागर किया है। अधिकारियों ने माना है कि: कई प्रमाणपत्र बिना फील्ड सत्यापन के जारी किए गए। सिस्टम में मानव हस्तक्षेप और निगरानी की कमी है। यह दुरुपयोग सिर्फ तकनीकी चूक नहीं, बल्कि सुनियोजित हरकत हो सकती है।
सरकार का रुख सख्त:
राज्य सरकार ने इन घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए: डिजिटल सुरक्षा प्रोटोकॉल की समीक्षा शुरू की है। सभी जिलों को सत्यापन प्रक्रिया में पारदर्शिता और कठोरता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। दोषी अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की गई है।
“कुत्ता बाबू” और “ट्रैक्टर परिवार” जैसे मामले केवल मज़ाक नहीं, बल्कि सिस्टम की साख पर गहरे आघात हैं। अगर अब भी प्रशासन नहीं चेता, तो कल को इसी फर्जी पहचान के ज़रिए बड़ी आपराधिक घटनाओं की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।”