Doctors Strike: मेडिकल काॅलेज-सरकारी अस्पतालें आयुष, संविदा और पीजी डाॅक्टरों के भरोसे | MP, doctors strike, Ayush, PG, hospitals handled by contract, private hospitals ka Fayda

डाॅक्टर्स हड़तालः संविदा, आयुष, पीजी डाॅक्टर्स के हाथों में सरकारी अस्पतालों का दारोमदार

मध्य प्रदेश के सरकारी मेडिकल काॅलेज और स्वास्थ्य विभाग के अधीन सरकारी अस्पतालों के डाॅक्टर्स हड़ताल पर चले गए हैं। नियमित डाॅक्टर अपनी मांगों को लेकर पूर्व में सरकारी और शासन को सूचित कर चुके थे। हड़ताल के मद्देनजर सरकार और प्रशासन ने अस्पतालों में वैकल्पिक व्यवस्थाएं की हैं।

बुंदेलखंड मेडिकल काॅलेज की कैजुअल्टी, ओपीडी से लेकर ओटी तक की व्यवस्थाएं सीएमओ, पीजी डाॅक्टर, मेडिकल स्टूडेंट्स और संविदा डाॅक्टर्स के भरोसे आ गई हैं। इधर जिला अस्पताल, सिविल अस्पताल सहित अन्य सरकारी अस्पतालों में वैकल्पिक व्यवस्थाएं की हैं। यहां पर आयुष डाॅक्टर और संविदा व विभाग से सेवानिवृत्त डाॅक्टर व्यवस्थाएं संभाल रहे हैं।

डाॅक्टर्स हड़तालः संविदा, आयुष, पीजी डाॅक्टर्स के हाथों में सरकारी अस्पतालों का दारोमदार

अफसरों ने संभाल ली है व्यवस्थाएं, कमिश्नर-कलेक्टर खुद मैदान में डटे

इधर सरकार के निर्देश के बाद संभाग कमिश्नर से लेकर कलेक्टर व अन्य प्रशासनिक अफसरों ने अस्पतालों की व्यवस्था संभाल ली है। सागर में कमिश्नर रावत व कलेक्टर दीपक आर्य, विभाग की आरजेडी डाॅ. नीना गिडियन ने जिला अस्पताल पहुंचकर यहां की एक-एक यूनिट में व्यवस्थाओं और तैनात किए गए स्टाफ व डाॅक्टर्स की जानकारी ली। कलेक्टर और कमिश्नर ने एसएनसीयू में भर्ती बच्चों की संख्या, स्थिति और ड्यूटी पर मौजूद डाॅक्टर से बात कर एलर्ट रहने क निर्देश दिए।

डीएसीपी की मांग को लेकर हड़ताल पर गए हैं डाॅक्टर्स
दरअसल मप्र लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग एवं मप्र चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधीन पदस्थ डाॅक्टर्स डायनेमिक एश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन (डीएसीपी) योजना के तहत वेतनमान की लंबे समय से मांग कर रहे हैं। इसी मांग को लेकर वे चरणबद्ध हड़ताल कर रहे हैं। मंगलवार को सांकेतिक हड़ताल की गई थी, बुधवार से सभी सरकारी डाॅक्टर हड़ताल पर चले गए तो गुरुवार से आईएमए और नर्सिंग होम एसोसिएशन का भी खुला समर्थन मिलने वाला है।

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