फ्लश करते समय आप बंद करते हैं टॉयलेट का ढक्कन? अगर नहीं तो जरूर कीजिए, वरना मुसीबत गले पड़ जाएगी

अगर आपके माता-पिता हमेशा आपको फ्लश करने से पहले टॉयलेट का ढक्कन बंद करने के लिए कहते थे, तो वास्‍तव में वे सही थे. और एक्‍सपर्ट कहते हैं कि आपको हमेशा ऐसा करना चाह‍िए. आमतौर पर हम वेस्टर्न टॉयलेट का इस्तेमाल करने के बाद इसे फ्लश करके सीधा बाहर निकल जाते हैं. हम सभी के जीवन का एक नियमित हिस्सा है, लेकिन यह खतरनाक है. मुसीबत कभी भी आपके गले पड़ सकती है.

डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, कोलोराडो बोल्डर विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने इस पर रिसर्च की. पाया क‍ि फ्लशिंग के समय टॉयलेट का ढक्कन खुला रखने से कई खतरनाक बैक्टीरिया हवा के कॉन्टेक्ट में आ जाते हैं. उस वक्‍त टॉयलेट हवा में एक तरह का जेट उत्पन्न करता है, जो कटोरे से पांच फीट ऊपर तक कणों को ले जा सकता है. इन कणों में रोगाणु, वायरस और बैक्टीरिया शामिल होते हैं, जो सिर्फ 8 सेकेंड के अंदर आप तक पहुंच सकते हैं. तो अगर आपको संक्रमण से बचना है तो हमेशा टॉयलेट का ढक्कन बंद करके ही फ्लश करना चाहिए.

नग्न आंखों से दिखाई नहीं देतीं
वैज्ञान‍िकों ने कहा, ये तरल बूंदें आमतौर पर नग्न आंखों से दिखाई नहीं देतीं. इन्‍हें देखने के ल‍िए आपको लेजर का उपयोग करना होगा. इनमें ई. कोली, नोरोवायरस और संभवतः यहां तक कि कोरोनोवायरस जैसे खतरनाक रोगाणु होते हैं. ये कण 6.6 फीट प्रति सेकंड की गति से बाहर निकल सकते हैं, और 1.5 मीटर ऊपर तक पहुंच सकते हैं. खास बात सबसे बड़ी बूंदें सेकंड के भीतर सतहों पर जाकर चिपक जाती हैं, लेकिन हल्के कण कई मिनटों तक हवा में लटके रहते हैं. ये नाक के बालों से बचकर फेफड़ों में गहराई तक पहुंच सकते हैं और आपको बीमार कर सकते हैं.

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