क्या आप भी ज्यादा करती हैं गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल? हो जाएं सावधान, साइड इफेक्ट भी जानिए

Birth Control Pill Side Effects: आधुनिक समाज सेल्फ डिपेंडेंट हैं. चाहे पुरुष हो या महिला, अपना निजी जीवन अपने हिसाब से चलाते हैं. जब बच्चे की जरूरत महसूस होती है, तभी वे बच्चा करते हैं. यह विकल्प उसे आधुनिक विज्ञान ने दी है. विज्ञान के इस युग में गर्भनिरोध के कई साधन उपलब्ध हैं, जिनकी बदौलत महिलाएं अपनी प्रेग्नेंसी को रोक सकती हैं. कामकाजी महिलाओं के लिए खासकर इसकी जरूरत ज्यादा होती है. गर्भनिरोध का बेहतर साधन है गर्भनिरोधक गोलियां यानी कॉन्ट्रासेप्टिव पिल. इस पिल को खाने के बाद महिलाओं को प्रेग्नेंसी नहीं होती. एनसीबीआई के मुताबिक अमेरिका में 25 प्रतिशत प्रजनन उम्र की महिलाएं अपनी इच्छा से गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल करती हैं.

वर्तमान में तीन तरह की गर्भनिरोध गोलियां बाजार में मिलती है. एक है एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रॉन का मिला हुआ रूप. दूसरा है सिर्फ प्रोजेस्ट्रॉन और तीसरा है एक्सटेंडेट पिल. तीनों का काम प्रेग्नेंसी को रोकना है लेकिन तरीका अलग-अलग है. पर क्या ये गोलियां पूरी तरह सुरक्षित है? क्या इसके कोई साइड इफेक्ट नहीं है?

पिल कैसे असर करता है
एनसीबीआई के मुताबिक तीनों तरह की गोलियों से महिलाओं के शरीर में गर्भ ठहरने के लिए जिम्मेदार हार्मोन को कंट्रोल किया जाता है. इन गोलियों से अंडा बनने की प्रक्रिया रूक जाती है. इसका मतलब यह हुआ है कि स्पर्म और अंडा एक साथ नहीं आएगा जिससे प्रेग्नेंसी नहीं होगी. दरअसल, बर्थ कंट्रोल पिल के साइड इफेक्ट को जानने से पहले यह जानना जरूरी है कि यह पिल काम कैसे करता है. जब महिला के शरीर में अंडा बनता है तो इससे पहले कई तरह की चीजों का निर्माण होता है जो काम कई तरह के हार्मोन करता है. प्रोजेस्ट्रोन का टैबलेट खाने के बाद यह गोनेडोट्रोपिन रिलीजिंग हार्मोन को कम कर देता है जिससे फॉलिकल्स स्टीमुलेटिंग हार्मोन नहीं बनता है. इसके अलावा अंडा बनाने के लिए एक और हार्मोन एलएच भी नहीं बनता है. अर्थात दवा खाने के बाद शरीर में कई तरह के हार्मोन का बनना बंद हो जाता है. यानी महिला के शरीर में जो कुदरती प्रक्रिया हो रही है, उसे रोका जाता है. जब कुदरती प्रक्रिया को रोका जाएगा तो जाहिर है इसके साइड इफेक्ट्स भी होंगे.

पिल के क्या हैं साइड इफेक्ट्स

1. पीरियड्स के बीच में ब्लीडिंग-मेडिकल न्यूज टूडे के मुताबिक गर्भनिरोधक गोलियों का सबसे बड़ा साइड इफेक्ट यह है कि इसे खाने से दो पीरियड्स के बीच में भी ब्लीडिंग होती रहती है. हालांकि यह पीरियड की तरह नहीं होता लेकिन लाइट ब्लीडिंग या ब्राउन डिस्चार्ज की समस्या बनी रहती है.

2. मतली-कुछ महिलाओं को पिल खाने के बाद जी मितलाने की समस्या हो सकती है. हालांकि यह बहुत ज्यादा नहीं होती और खाने के बाद सही भी हो जाती है.

3. ब्रेस्ट टेंडरनेस-बर्थ कंट्रोल पिल लेने से कुछ महिलाओं में ब्रेस्ट में खिंचाव जैसे महसूस होता है, खासकर तब जब दवा स्टार्ट की जाती है. चूंकि पिल से हार्मोन को रोका जाता है और इसका संबंध ब्रेस्ट से भी है, इसलिए इसमें टेंडरनेस होना स्वभाविक है.

4. सिर दर्द और माइग्रेन-कुछ महिलाओं को बहुत जल्दी-जल्दी सिरदर्द और माइग्रेन की समस्या हो सकती है.

5. वजन बढ़ना-बर्थ कंट्रोल पिल से वजन बढ़ सकता है. हालांकि यह सब महिलाओं में हो, ऐसा जरूरी नहीं. ऐसा माना जाता है कि पिल लेने से शरीर में पानी धारण करने की क्षमता ज्यादा हो जाती है जिसे वाटर वेट कहा जाता है.

6. मूड चेंज-पिल का साइड इफेक्ट मूड और इमोशन में चेंज के रुप में आता है. यह ज्यादातर पिल लेने वाली महिलाओं में होती है.

7. मिस्ड पीरियड-कुछ महिलाओं में पीरियड्स बीच-बीच में रूक सकता है. इसलिए बेहतर है कि गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह से करें.

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