धार लोकसभा सीट
मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में से एक धार लोकसभा सीट पर कांग्रेस को भी इस बार जीत की उम्मीद है। भाजपा का इस सीट पर बीते दस सालों से कब्जा है। वर्ष 2014 और वर्ष 2019 में भाजपा ने उम्मीदवार बदले, लेकिन इस बार इस सीट से पहले सांसद रही सावित्री ठाकुर को फिर मौका दिया। कांग्रेस ने नए चेहरे राधेश्वाम मुवेल को टिकट दिया है। उन्होंने भी चुनाव लड़ने में कोई कसर बाकी नहीं रखी, लेकिन अब देखना है कि भाजपा इस सीट पर जीत की हैट्रिक लगाएगी या कांग्रेस 15 साल बाद इस सीट पर वापसी कर सकती है। वर्ष 2009 में कांग्रेस के गजेंद्र राजूखेड़ी यहां से चुनाव जीते थे, हालांकि अब वे भाजपा में शामिल हो चुके हैं। पिछला चुनाव यहां से भाजपा के छतरसिंह दरबार जीते थे।
धार लोकसभा सीट में सरदारपुर, गंधवानी, कुक्षी, मनावर, धरमपुरी, धार, बदनावर और महू विधानसभा सीट शामिल हैं। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने आठ सीटों में से पांच सीटें जीती थीं, जबकि भाजपा को तीन सीटों पर ही संतोष करना पड़ा। आदिवासी वोट बैंक पर कांग्रेस को भरोसा है, लेकिन इस सीट पर वोटरों की मानसिकता विधानसभा और लोकसभा चुनाव को लेकर अलग-अलग नजर आती है।
तीन बार चुनाव जीत चुके कुक्षी के विधायक हनी बघेल, सरदारपुर के विधायक प्रताप ग्रेवाल और जयस के संस्थापकों में से एक मनावर के कांग्रेस विधायक हीरालाल अलावा ने भी पूरी ताकत झोंक दी। भाजपा धार, बदनावर और महू में ज्यादा से ज्यादा लीड मिले इसके लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाती दिखी थी। धार में 13 मई को मतदाता हुआ। इस बार 71.50 प्रतिशत वोटिंग इस लोकसभा सीट पर हुई है। इस लोकसभा सीट की आठ में से छह विधानसभा सीटों पर आदिवासी वोटबैंक निर्णायक स्थिति में रहता है। जो उम्मीदवार इस वोट बैंक का दिल जीतेगा, उसका पलड़ा भारी रहेगा।