
धनतेरस ( Dhanteras 2023) का त्योहार हिन्दू धर्म में बड़ा महत्व रखता है। इस दिन मां लक्ष्मी (Ma lakshmi) और कुबेर देव (Lord Kuber) की पूजा का विधान है। साथ ही, इस दिन भगवान धनवंतरी की पूजा भी की जाती है। हर साल धनतेरस कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन मनाया जाता है। इस साल धनतेरस 10 नवंबर, दिन शुक्रवार को पड़ रहा है।
सनातन धर्म में ईश्वर की कृपा प्राप्ति के लिए पूजा-अर्चना करने के विधान है। इस दौरान दीपक जलाना भी जरूरी माना जाता है। दीपक के बिना पूजा अधूरी समझी जाती है और भगवान के सामने घी का तेल का दीपक जलाकर पूजा संपन्न की जाती है। हिन्दू शास्त्रों के अनुसार, धनतेरस के दिन भी दिया जलाने की भी विशेष परंपरा है। धनतेरस के दिन दिया जलाने से जुड़े कुछ नियम हैं जिसका पालन करना बेहद जरूरी है। ऐसे में आइए जानें दिया जलाने से जुड़े नियम के बारे में-
ज्योतिषियों के अनुसार, तिल के तेल का दिया जलाने से न सिर्फ धनवंतरी भगवान का आशीर्वाद मिलता है बल्कि शनिदेव भी प्रसन्न हो जाते हैं। साथ ही, घर में मौजूद नकारात्मकता दूर हो जाती है, सकारात्मकता का संचार होता है, घर से बीमारी दूर हो जाती है और सुख-समृद्धि का घर में वास होता है। ऐसे में इस दिन यानी धनतेरस के दिन तिल के तेल का दिया जलाना न भूले।
कहते है धनतेरस के दिन कुबेर देव और माता लक्ष्मी के अलावा, भगवान धनवंतरी भी पूजे जाते हैं। भगवान धनवंतरी का आगमन इसी दिन समुद्र मंथन से हुआ था। धनवंतरी भगवान हाथ में कलश और तिल के बीज लिए प्रकट हुए थे। इसलिए इस दिन तिल के तेल का दिया जलाना शुभ माना जाता है।
धनतेरस के दिन तिल का तेल के दीपक जलाने से कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है, जिससे साधक के कार्यक्षेत्र में तरक्की के योग बनते हैं। साथ ही इससे कुंडली में चंद्रमा की स्थिति भी मजबूत होती है।