Damoh News: आठ गांव की सिंचित भूमि को राजस्व विभाग ने बता दिया असिंचित, किसानों ने मंत्री से की सुधार की मांग

Damoh The revenue department declared the irrigated land of 8 villages as non-irrigated in Damoh

मंत्री को आवेदन देते किसान

दमोह जिले के तेंदूखेड़ा ब्लाक अंतर्गत आने वाले करीब आठ गांव के किसानों की सिंचित भूमि को राजस्व विभाग ने अपने राजपत्र में असिंचित घोषित कर दिया है। जबकि किसानों के पास सिंचाई के पर्याप्त संसाधन हैं। इसमें सुधार की मांग को लेकर किसान और कई भाजपा पदाधिकारियों ने सोमवार को पर्यटन मंत्री धर्मेंद्र सिंह को एक आवेदन देकर सुधार की मांग की है। समनापुर, बिलतरा, कोडल, बमनोदा, गोपालपुर और अन्य कई गांव को कई वर्ष पूर्व राजस्व के राजपत्र में असिंचित बताया गया है। किसानों ने बताया इन सभी गांव में तालाब के पानी से खेती की सिंचाई होती है और हम सभी सिचाई के बदले जल संसाधन विभाग को टैक्स भी देते है। उसके बाद भी जब हम लोगों के फसल के पंजीयन होते हैं तो हमारे गांव की खेती में उगी उपज को असंचित श्रेणी में दिखाया जाता है। जिससे उनका लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है।

20 क्विंटल है उपज

समनापुर सरपंच इमरत यादव, पूर्व मंडल अध्यक्ष राजकुमार जैन, महेश यादव ने राज्यमंत्री को बताया की पांच ग्राम पंचायतों में नहर योजना चालू है और सभी गांव के खेतों में दरोली जलाशय का पानी नहरों के माध्यम से पहुंचता है। हम लोगों की खेतों की उपज 18 से 20 कुंटल प्रति एकड़ है। जबकि इन पंचायतों के किसानों का उपार्जन केंद्र के पोर्टल पर पंजीयन होता है तो मात्र आठ कुंटल उपज शो होती है। कई वर्षों से इसमें सुधार करवाने प्रयास किसानों द्वारा किया जा रहा है, लेकिन आज तक सुधार नहीं हुआ है। पूर्व में भी हम लोगों द्वारा अधिकारियों को ज्ञापन दिए गए हैं, लेकिन आज तक निराकरण नहीं हुआ। इसलिए हम सभी की मांग है कि इस समस्या का निराकरण राज्य मंत्री द्वारा कराया जाए।

असंचित बताने के बाद हम लोगों की एकड़ उपज मात्र 8 कुंटल बताई गई है। इसलिए खरीदी केंद्र में होने वाली तुलाई में 8 कुंटल एकड़ के हिसाब से ही किसानों उनकी उपज ली जाती है जो गलत है ।

राजकुमार जैन ने बताया कि दरौली, कोडल, समनापुर की खेती हीरा के समान है। उपज के मामले में 20 से 25 कुंटल तक की पैदावार होती है, लेकिन किसानों की खरीदी करने मात्र आठ कुंटल ली जाती है। जिससे क्षेत्र के किसान काफी निराश है और बाकी शेष फसल को व्यापारियों को बेचना पड़ता है। जिसका दाम बहुत कम मिलता है।

इसलिए हम सभी लोग मंत्री से राजपत्र में सुधार करने की मांग करते हैं। क्षेत्र का 95 प्रतिशत हिस्सा खेती पर आश्रित है। दूसरा ऐसा कोई कार्य नहीं है, जिससे वह अपनी जीविका चला सके। पर्यटन राज्यमंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी ने बताया की समानपुर, बमनोदा, बिलतरा, दरोली, कोडल गांव की खेती को असिंचित बताया जा रहा है। कलेक्टर के माध्यम से एक पत्र भोपाल भेजा जायेगा और सुधार कराया जायेगा।

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