जेई ने बटियागढ़ ब्लॉक के सिंहपुर गांव, पटवारी हल्का नंबर 2, शाहपुरा माल में स्थित 130 एकड़ भूमि की नपाई के लिए कलेक्टर को आवेदन दिया था। जब प्रशासन ने भूमि की नाप-जोख कराई, तो इसमें 92 एकड़ अतिरिक्त अतिक्रमण पाया गया। तहसीलदार ने मध्यप्रदेश भू-राजस्व अधिनियम 248 के तहत पहले ही जेई और उनके परिवार के अन्य आठ सदस्यों पर जुर्माना लगाया था।
तहसील न्यायालय के आदेश पर बड़ी कार्रवाई
मंगलवार को तहसीलदार योगेंद्र चौधरी के नेतृत्व में प्रशासनिक अमले ने स्थल पर पहुंचकर कार्रवाई को अंजाम दिया। इस दौरान बिना नंबर प्लेट वाला एक ट्रैक्टर और ट्रॉली जब्त कर सादपुर चौकी में रखवाया गया। 10,000 वर्ग फीट में बनी गोशाला, टीन शेड, पक्का मकान, पंप हाउस, बोरवेल पंप, तीन ट्रांसफार्मर, सागौन के 86 पेड़, सौर ऊर्जा प्लेट और गोबर से लकड़ी बनाने की मशीन को जब्त कर ग्राम पंचायत को सुपुर्द किया गया। तहसीलदार ने ग्राम पंचायत सरपंच लक्ष्मी रानी चौबे और राजस्व विभाग के कर्मचारियों को इस संपत्ति की देखरेख का जिम्मा सौंपा।
कर्मचारियों ने पंचनामा पर हस्ताक्षर करने से किया इनकार
कार्रवाई के दौरान जब पंचनामा तैयार किया गया, तो जेई के कर्मचारी पंचम पिता फूला गौड़ ने उस पर हस्ताक्षर या अंगूठा लगाने से इनकार कर दिया। अन्य कर्मचारियों ने भी दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया।
जेई के दावे गलत साबित हुए
शुरुआती जांच में जेई ने दावा किया था कि यह भूमि उनकी पुश्तैनी संपत्ति है, लेकिन जब प्रशासन ने नपाई कराई, तो 92 एकड़ पर अवैध कब्जा पाया गया। बावजूद इसके, जेई अपनी जमीन के स्वामित्व से जुड़े वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सके।
इतिहास में दर्ज हुआ अनोखा मामला
दमोह जिले के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि किसी व्यक्ति ने स्वयं अपनी भूमि की नपाई के लिए आवेदन दिया और जांच के दौरान उस पर बड़े पैमाने पर अतिक्रमण पाया गया। तहसीलदार ने बताया कि इस मामले की आगे भी गहन जांच की जाएगी और जो भी नए साक्ष्य सामने आएंगे, वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।