Damoh News: सरकारी स्कूलों का हाल, कहीं पानी की समस्या तो कहीं पानी की कमी

Damoh condition of government schools somewhere water is problem and somewhere lack of water is a problem

स्कूल परिसर में भरा पानी

दमोह शहर के अंदर ऐसे कई शासकीय स्कूल संचालित हो रहे हैं, जहां छात्रों को असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। शहर के दो स्कूलों का जायजा लिया गया तो शासकीय वीर दुर्गादास हाईस्कूल में परिसर के अंदर इतना पानी भरा था कि छात्राएं घुटनों तक भरे पानी से होकर बाथरूम जाने मजबूर थी। वहीं, शासकीय शिवाजी हाईस्कूल में पानी की समस्या है। यहां तीन हैंड पंप लगे हैं। लेकिन पानी एक में भी नहीं आता, जबकि यह स्कूल करीब 116 साल पुराना है।

स्कूल के प्राचार्यों के द्वारा लगातार अधिकारियों से व्यवस्थाओं में सुधार के लिए पत्राचार किया जा रहा है। लेकिन अधिकारियों के द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा। शासकीय वीर दुर्गादास हाईस्कूल यहां स्कूल परिसर तो काफी बड़ा है। लेकिन भवन की हालत खराब है। स्कूल परिसर में बारिश के दिनों में इतना पानी भर जाता है कि छात्रों को घुटनों तक भरे पानी से होकर बाथरूम जाना पड़ता है, जिससे कभी भी कोई हादसा हो सकता है। छात्र पानी में गिरकर घायल हो सकते हैं। छात्र अपने आपको पानी से बचाने का प्रयास करते हैं। लेकिन पानी इतना अधिक भरा रहता है कि उनके कपड़े भीग ही जाते हैं।

हर साल बारिश के दिनों में यही हालात बनते हैं। इसके अलावा भवन भी जर्जर हालत में हैं। स्कूल प्राचार्य सारिका मिश्रा का कहना है। परिसर में पानी भरता है, जिससे छात्रों को परेशानी होती है। उन्होंने नगर पालिका सीएमओ के लिए पत्र लिखा है।

स्कूल में तीन हैंडपंप लेकिन पानी नहीं

दूसरा शासकीय है शासकीय शिवाजी हाईस्कूल यहां भी हालत अलग हैं। यह स्कूल करीब 116 साल पुराना है और भवन जर्जर है। बच्चे इसी जर्जर भवन में बैठने मजबूर हैं। कई प्रकार के विषैले जीव जंतु भी इस जर्जर भवन को अपना ठिकाना बना रहे हैं। यहां करीब 250 बच्चे दर्ज हैं और सबसे बड़ी समस्या पानी की है। स्कूल परिसर में टीन हैंडपंप लगे हैं। लेकिन दो बंद पड़े हैं और एक में खराब पानी आता है जो पीने लायक नहीं है। इसके चलते स्कूल प्राचार्य परिहार स्वयं पानी के कंटेनर मंगवाती हैं ताकि बच्चों को पीने के लिए पानी मिल सके।

इन हालातों को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि शिक्षा व्यवस्था में सुधार की बात तो करता है, लेकिन व्यवस्थाएं कितनी सुधरी हैं। इसका अंदाजा शहर के स्कूलों को देखकर ही लगाया जा सकता है। स्कूल प्राचार्य चेतना परिहार ने बताया कि शिवाजी स्कूल करीब 116 साल पुराना है। भवन जर्जर हो गया है और छात्रों को पानी की समस्या है। तीन हैंडपंप लगे हैं, इनमे पानी नहीं आता। इसलिए वह स्वयं ही पानी का इंतजाम करती हैं। इस संबंध में अधिकारियों को कई बार पत्राचार कर चुके हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This will close in 0 seconds

error: Content is protected !!