भारत और इंग्लैंड के बीच एकमात्र टेस्ट मैच नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में खेला गया। ये मैच सिर्फ 7 सेशन में खत्म हो गया। मैच के तीसरे दिन के पहले ही सेशन में नतीजा निकल गया, जो मेजबान भारत के पक्ष में रहा। भारतीय टीम ने इस मैच को 347 रनों के अंतर से जीता। दीप्ति शर्मा के सामने इंग्लैंड की टीम टिक नहीं पाई। उन्होंने मैच में 9 विकेट निकालने के साथ-साथ एक दमदार अर्धशतक भी जड़ा। भारतीय टीम केे लिए ये बड़ी जीत नहीं, बल्कि कई मायनों में ऐतिहासिक भी है, क्योंकि इंग्लैंड की टीम टेस्ट क्रिकेट में अपनी सरजमीं पर पहली बार भारत ने हराया है।
इंग्लैंड के सामने मैच के तीसरे दिन 479 रनों का लक्ष्य था, लेकिन टीम को पहला झटका 7वें ओवर की आखिरी गेंद पर लगा। दूसरी पारी में जैसे ही इंग्लैंड का पहला विकेट गिरा तो फिर विकेटों का पतझड़ शुरू हो गया। भारतीय स्पिनर हावी हो गए। शुरुआत से ही विकेट से टर्न मिला, जिसका फायदा दीप्ति शर्मा और पूजा वस्त्राकर ने उठाया। 6 विकेटों में 3 विकेट पूजा वस्त्राकर, 2 विकेट दीप्ति शर्मा और एक विकेट रेणुका ठाकुर को मिला।
भारत को सातवां विकेट राजेश्वरी गायकवाड़ ने दिलाया। उन्होंने सोफी एक्लस्टोन को क्लीन बोल्ड कर दिया। इस मैच में हमें कई अर्धशतक देखने को मिले हैं, लेकिन एक भी शतकीय पारी किसे बल्लेबाज के बल्ले से नहीं आई है। 8वीं सफलता भारत को दीप्ति शर्मा ने दिलाई, जो उनकी मैच की आठवीं विकेट दी। दीप्ति ने लॉरेन फिलर को भी आउट किया। भारत के लिए आखिरी सफलता राजेश्वरी गायकवाड़ ने हासिल की।
इस मैच की बात करें तो भारतीय टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी चुनी थी। हालांकि, शुरुआत में ये फैसला सही साबित नहीं लग रहा था, क्योंकि टीम के 2 विकेट 47 रन पर गिर गए थे। इसके बाद साझेदारियों का दौर शुरू हुआ और भारत ने पहली पारी में 428 रन बनाए। भारत की ओर से 69 रन शुभा सतीश, 68 रन जेमिमा रॉड्रिग्स, 67 रन दीप्ति शर्मा और 66 रन यास्तिका भाटिया ने बनाए। इंग्लैंड की तरफ से 3-3 विकेट सोफी एक्लस्टोन और लॉरेन बेल ने चटकाए।
वहीं, जब इंग्लैंड की टीम पहली पारी में बल्लेबाजी करने उतरी तो महज 136 रन बनाकर ढेर हो गई। नैट साइवर ब्रंट ने 59 रनों की पारी खेली। उनके अलावा कोई अन्य बल्लेबाज बड़ा स्कोर नहीं बना सकी। वहीं, भारत के लिए 5 विकेट दीप्ति शर्मा ने निकाले और 2 सफलताएं स्नेह राणा को मिलीं। टीम इंडिया ने 292 रनों की बढ़त के बाद दूसरी पारी में बल्लेबाजी की और 7 विकेट खोकर 186 रन बनाकर पारी को घोषित कर दिया। इस तरह इंग्लैंड के सामने जीत के लिए 479 रनों का लक्ष्य था और टीम के पास तीन दिन इसे हासिल करने के लिए थे, लेकिन टीम के बल्लेबाजों ने निराश किया।