शहर में कई निजी कॉलोनियां विकास से वंचित है। यहां कॉलोनाइजर ने लोगों से विकास का वादा कर बड़े हुए दामों पर प्लॉट बेचकर मुनाफा कमाया। लेकिन प्लॉट बेचने के बाद कॉलोनाइजर ने दोबारा कॉलोनियों की तरफ मुंह नहीं किया। ऐसे में इन निजी कॉलोनियों में रहने वाले वाले लोग विकास की बांट जोह रहे है। लेकिन उनकी सुनवाई नहीं होने पर अब इन मामलों की शिकायतें प्रशासनिक अधिकारियों तक पहुंच रही है। ऐसा ही एक मामला तहसील रोड वार्ड चार स्थित कॉलोनी का सामने आया है। जिसकी रहवासियों ने एसडीएम को शिकायत करते हुए बताया कि बून बिल्डर्स और डेवलपर्स प्रालि इंदौर ने उनसे कॉलोनी में रोड, नाली निर्माण, लाईट सहित दूसरी सुविधाओं का वादा किया था। लेकिन वर्षों बाद भी सुविधाएं नहीं मिल सकी हैं। इससे नाराज कॉलोनीवासियों ने पूरे मामले प्रशासनिक अधिकारियों से शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है।
आधा दर्जन से अधिक कॉलोनियां अधूरी
शहर में आधा दर्जन से अधिक ऐसी कॉलोनी है। जिनमें रोड, नाली, सीवेज, विद्युत लाइन के इंतजाम नहीं है। इनमें सिंचाई कॉलोनी के पीछे, शिवधाम, भरतगढ़, झाली आश्रम, ओडी बाग सहित अन्य कॉलोनी शामिल है। जिनमें न रोड है न नाली निर्माण हुआ है। सीवेज के भी व्यवस्थित इंतजाम नहीं होने से लोग परेशान हैं। लेकिन कॉलोनाइजर को लोगों की समस्याओं से कोई सरोकार नहीं है। यही वजह है कि लोग प्रशासन से आस लगा रहे हैं।
रेरा में पंजीयन नहीं, दर्ज हो चुके मामले
कुछ समय पहले प्रशासन ने इन अवैध कॉलोनाइजर के खिलाफ कार्रवाई करते हुए करीब 12 से अधिक लोगों पर संबंधित धाराओं में प्रकरण भी पंजीबद्ध किए थे। देखने में आया है कि शहर में अधिकांश कॉलोनाइजर के रेरा में पंजीयन भी नहीं है जिस वजह से यह कॉलोनियां अवैध होने की श्रेणी में आ रही हैं। फिलहाल प्रशासन को पूरे मामले की गंभीरता से जांच कर कॉलोनाइजर के खिलाफ कार्रवाई और विकास से वंचित रहवासियों के लिए बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने प्रयास शुरू करने चाहिए।