Chhindwara News : एक्सीडेंट में पिता को खोने वाले बेटे ने शोकसभा में हेलमेट और संविधान की पुस्तकें वितरित की

मध्य प्रदेश में सड़क हादसों के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इस साल की बात की जाए तो प्रदेश में 31 अक्टूबर तक जारी आंकड़ों में 1865 लोग सड़क हादसे का शिकार हो चुके हैं। सड़क हादसों में मृत्युदर को रोकने के लिए दो बेटों ने अनूठी पहल की है। दरअसल, सड़क हादसे में पिता को खो देने के बाद इन बेटों ने शोक सभा में आने वाले हर व्यक्ति को हेलमेट और संविधान की पुस्तकें वितरित की। इससे हादसों के वक्त लोग अपनों की जान बचा सकें।

मिली जानकारी के अनुसार कॉपरेटिव बैंक कालोनी निवासी निर्मल डेहरिया (62) वनगांव सेवा सहकारी समिति में पदस्थ थे। रोजाना की तरह 20 नवंबर को भी वे अपनी मोपेड से ड्यूटी कर घर लौट रहे थे। मुल्लूबाबा के पास अज्ञात ट्रैक्टर की टक्कर से वे घायल हुए थे। उन्हें सिर पर गंभीर चोट आई थी।

नागपुर लेकर गए पर नहीं बची जान


सिर में चोट लगने के बाद उन्हें जिला अस्पताल से नागपुर रेफर किया गया था। 23 नवंबर को उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। पिता की मौत से पूरा परिवार आहत है। बावजूद इसके दोनों बेटे गजेंद्र उर्फ बंटी डेहरिया और प्रमोद डेहरिया ने शनिवार को शोकसभा के दौरान आने वाले लोगों को हेलमेट और संविधान की किताबें बांटी। ताकि कोई और बेटा अपने पिता को ऐसे न खो दे।

बुजुर्ग वाहन चालकों को दिए हेलमेट


बेटा गजेंद्र उर्फ बंटी ने बताया कि वह प्राइवेट जॉब करते हैं। समाज सुधार समिति में पदाधिकारी भी है। इस घटना के बाद परिवार ने फैसला किया था कि ऐसे कई बुजुर्ग रोजाना खतरों भरा सफर करते हैं। उनकी जान बचाने के लिए शोकसभा में आए करीब 100 बुजुर्गों को हेलमेट दिया गया। संविधान की 1 हजार किताबें भी बांटी गई।

पूर्व मंत्री ने भी की सराहना


शोकसभा में पहुंचे पूर्व मंत्री चौधरी चंद्रभान सिंह, जिला पंचायत उपाध्यक्ष अमित सक्सेना, कवि अशोक आजाद, सुरेंद मेहरा सहित अन्य श्रद्धांजलि अर्पित करने पीड़ित परिवार के घर पहुंचे थे। उन्होंने, यह अनूठी पहल देकर परिवार की सराहना की।

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