जिले के तीन हजार से अधिक स्कूलों के 3.50 लाख छात्रों को राहत देने के उद्देश्य से एमएलबी स्कूल में तीन दिवसीय पुस्तक एवं गणवेश मेला आयोजित किया गया। पहले ही दिन मेले में अव्यवस्था, किताबों की कमी और दुकानदारों की मनमानी के कारण अभिभावकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। मेले का शुभारंभ कलेक्टर शीलेंद्र सिंह ने किया और स्टॉल संचालकों को अधिकतम छूट देने के निर्देश दिए। इस दौरान जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) गोपाल सिंह बघेल भी मौजूद रहे। डीईओ ने बताया कि पहले दिन 4 लाख रुपये से अधिक की बिक्री हुई, जिससे कई अभिभावकों को लाभ मिला। हालांकि, अव्यवस्था के कारण कई शिकायतें भी सामने आईं।
कई अभिभावकों ने शिकायत की कि अधिकांश स्कूलों की आवश्यक किताबें उपलब्ध नहीं थीं। दुकानदारों ने कहा कि किताबें पांच दिन बाद आएंगी, जबकि मेला केवल 27 से 29 मार्च तक ही आयोजित किया गया है। शुभम स्टेशनरी सहित कुछ दुकानों ने अभिभावकों को प्रवेश तक नहीं दिया और कहा आज किताबें खत्म हो गई हैं, कल आइए।
स्टेशनरी पर भारी छूट, लेकिन स्टॉक की कमी
मेले में परासिया के सर्वोत्तम और खंडेलवाल स्टेशनरी ने नोटबुक और स्टेशनरी पर 40 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक की छूट दी। वहीं, एनसीईआरटी की किताबों पर पांच प्रतिशत तक की छूट मिल रही है। अभिभावकों ने इस छूट का लाभ उठाया, लेकिन कई स्टॉल्स पर स्टॉक की कमी और दुकानदारों की मनमानी देखने को मिली।
अभिभावक संघ ने मेले की अवधि बढ़ाने की मांग की
अभिभावक संघ के अध्यक्ष रॉबिन मालवी ने कहा कि अभी तक कई अभिभावकों को वेतन नहीं मिला है, जिससे वे किताबें और गणवेश नहीं खरीद पा रहे हैं। प्रशासन को मेले की अवधि बढ़ानी चाहिए, ताकि सभी को इसका लाभ मिल सके। कलेक्टर शीलेंद्र सिंह ने कहा कि मेले में कुछ समस्याओं की जानकारी मिली है, जिनका जल्द समाधान किया जाएगा। पुस्तक मेला प्रभारी राहुल पटेल ने कहा कि हम अभिभावकों को बेहतर सुविधा देने के लिए प्रयास कर रहे हैं। यदि किसी को परेशानी हो रही है, तो उसे जल्द दूर किया जाएगा।