Chhindwada News : मध्यप्रदेश सरकार ने बाजार में गेहूं के रेट से मुकाबला करने की तैयारी शुरू कर दी है, गेहूं के रेट या बोनस बढ़ने की संभावना

मध्यप्रदेश सरकार एमएसपी पर गेहूं खरीद की तैयारी में व्यापक स्तर पर जुटी है। अभी मार्केट में गेहूं के रेट सरकारी रेट से ज्यादा हैं। इसे देखते हुए संभावना जताई जा रही है कि जब गेहूं की आवक शुरू हो जाएगी तो मार्केट में इसके रेट गिरेंगे। इस दौरान मोहन यादव सरकार गेहूं के रेट या बोनस बढ़ाकर बाजार से मुकाबला करेगी। बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार ने समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी के लिए 20 जनवरी से किसानों की पंजीयन शुरू कर दिए हैं। ये पंजीयन 31 मार्च 2025 तक किए जाएंगे।

अब घर बैठे गेहूं खरीदी का पंजीयन करें किसान


खास बात ये है कि किसान घर बैठे अपने मोबाइल के माध्यम से या फिर कोई भी सीएससी सेंटर में जाकर अपने गेहूं बिक्री के लिए पंजीयन कर सकते हैं। पंजीयन एमपी किसान ऐप के माध्यम से करना होगा. इसके साथ ही किसान निःशुल्क पंजीयन ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत कार्यालय, तहसील कार्यालय, सहकारी समितियों और सहकारी विपणन संस्थाओं द्वारा स्थापित सुविधा केंद्र पर पंजीयन करा सकेंगे।

पंजीयन प्रक्रिया से पहले ये काम कर लें किसान

किसान बुकिंग के समय अपने नजदीकी गेहूं खरीदी केंद्र का भी चयन कर सकते हैं, जहां वे आसानी से सुविधा अनुसार गेहूं बिक्री कर सकते हैं। इस संबंध में छिंदवाड़ा के जिला आपूर्ति अधिकारी एके कुजूरने बताया “गेहूं उपार्जन के लिये किसानों को पंजीयन प्रक्रिया के पूर्व बैंक खाता आधार से लिंक कराना होगा। आधार डाटाबेस में सही मोबाइल नंबर दर्ज कराना जरूरी है. पंजीयन में सही आधार नंबर की प्रविष्टि कराना आवश्यक है। पंजीयन गिरदावरी डाटाबेस के आधार पर किया जायेगा, इसके लिये गिरदावरी में किसान की फसल, रकबे एवं फसल की किस्म की प्रविष्टियां सही कराई जाएं।”

फिलहाल सरकार ने गेहूं का एमएसपी 2425 रुपए तय किया


सरकार ने गेहूं का एमएसपी 2425 रुपए तय किया है, लेकिन फिलहाल बाजार में गेहूं के दाम ₹3000 प्रति क्विंटल तक हैं। ऐसे में एमएसपी पर गेहूं खरीदना सरकार के लिए चुनौती होगी। हालांकि सरकार ने पिछले साल की तुलना में इस साल 150 रुपए की बढ़ोतरी की है, लेकिन फिर भी किसानों को बाजार में दाम ज्यादा मिल रहे हैं। वहीं, भारत सरकार द्वारा निर्धारित एफएक्यू् मापदण्ड के गेहूं उपार्जन के लिए केन्द्रों पर मैकेनाइज्ड क्लीनिंग व्यवस्था की जाएगी। गेहूं की गुणवत्ता के परीक्षण के लिये सर्वेयर को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

पिछले साल 6 लाख 16 हजार किसानों द्वारा 48 लाख 38 हजार मीट्रिक टन गेहूं का विक्रय समर्थन मूल्य पर किया गया। गेहूं खरीदी के लिये किसानों की सुविधानुसार प्रदेश में कुल 3694 केन्द्र बनाए गए हैं। गेहूं के परिवहन, हैण्डलिंग एवं किसानों के शीघ्र भुगतान के लिये 2199 केन्द्र गोदाम स्तर पर स्थापित किए गए हैं। शेष 1495 उपार्जन केन्द्र समिति स्तर पर स्थापित किए गए हैं। किसानों के आधार लिंक बैंक खाते में समर्थन मूल्य राशि के सीधे भुगतान की व्यवस्था की गई थी।

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