Chanakya Niti in Hindi: आचार्य चाणक्य की नीतियां काफी प्रसिद्ध हैं, जोकि हर व्यक्ति के काम आ सकती है. चाणक्य भारतीय इतिहास के एक सफल अर्थशास्त्री, शिक्षाविद, सलाहकार, दार्शनिक, कूटनीतिज्ञ और राजनीतिज्ञ थे.
चाणक्य की नीतियां जीवन का दर्पण कहलाती हैं. इसलिए कहा जाता है कि, जिसने चाणक्य की बातों को अमल कर लिया वह जीवन में सफल होने के साथ ही हर रिश्ते को बेहतर ढंग से निभाता है.
वैसे तो चाणक्य अपनी नीति में जीवन के लगभग हर पहलू पर प्रकाश डालते हैं और हर रिश्ते के बारे में बताते हैं. लेकिन आज की चाणक्य नीति में हम जानेंगे पति-पत्नी के रिश्ते बारे में. कहा जाता है कि पति-पत्नी का रिश्ता संसार का ऐसा रिश्ता है, जोकि एक नहीं बल्कि सात जन्मों का होता है.
एक रथ के दो पहिए की तरह है पति-पत्नी का रिश्ता
चाणक्य कहते हैं, पति और पत्नी दोनों एक दूसरे के पूरक होते हैं. दोनों एक रथ के दो पहिए की तरह हैं. यदि एक पहिया किसी कारण डगमगा जाए तो रथ आगे चल नहीं पाता. इसी तरह पति या पत्नी में कोई एक व्यक्ति वैवाहिक रिश्ते को अच्छे से न निभाए तो इससे परिवार बिखरने लगता है. चाणक्य कहते हैं कि, किसी परिवार की सुख-शांति पति-पत्नी की समझदारी और मधुर रिश्ते से ही टिकी होती है.
साथ ही जिस घर पर पति-पत्नी के रिश्ते मधुर नहीं होते, आपस में बातचीत नहीं होती या तालमेल नहीं बैठता, वहां मां लक्ष्मी (Lakshmi ji) भी वास नहीं करती हैं. इसलिए सुखी वैवाहिक जीवन के लिए हर पति-पत्नी को चाणक्य की इन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
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- एक-दूजे का सम्मान करें: पति-पत्नी के रिश्ते में कोई बड़ा या छोटा नहीं होता है. फिर चाहे दोनों की उम्र में जितना भी अंतर हो. चाणक्य कहते हैं, पति-पत्नी दोनों को एक दूसरे का सम्मान करना चाहिए और इज्जत देनी चाहिए. क्योंकि जिसमें सम्मान होता है वह रिश्ता सबसे खूबसूरत होता है. ऐसा करने से आपका रिश्ता भी मजबूत होता है.
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- धैर्य की जरूरत: चाणक्य के अनुसार, वैवाहिक जीवन में यह बहुत जरूरी हो जाता है कि पति और पत्नी दोनों धैर्य बनाकर रखें. जीवन में परिस्थिति चाहे जैसी भी क्यों न हो, लेकिन दोनों को धैर्य बनाकर बुरे वक्त का सामना करना चाहिए और आगे बढ़ना चाहिए. ऐसा कई बार देखा गया है कि विपरीत परिस्थितयों में जो पति-पत्नी संयम बनाकर आगे नहीं बढ़ते उनका रिश्ता भी आगे नहीं बढ़ पाता है.
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- अहम न दिखाएं: पति-पत्नी को हमेशा एक साथ हर काम को पूरा करना चाहिए और अहम या अंहकार की भावना से दूर रहना चाहिए. अहम से तू-तू मैं-मैं की स्थिति पैदा होती है और रिश्ता टूटने के कगार पर आ जाता है.
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- निजी बातें साझा न करें: पति-पत्नी के बीच कई तरह की बातें होती हैं. कुछ बातें ऐसी भी होती हैं, जिन्हें आपस में ही सीमित रखना चाहिए. मजबूत और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए पति-पत्नी दोनों इस बात का ध्यान रखें कि आपसी निजी बातों को किसी तीसरे या अन्य व्यक्ति के साथ साझा न करें.
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