हवा आंधी से बर्बाद हुई थी केले की फसल
मध्यप्रदेश के बुरहानपुर जिले में बीते दो महीने में लगातार मौसम खराब रहने और तेज हवा आंधी के चलते खेतों में खड़ी फसलों को काफी नुकसान पहुंचा था, जिससे जिले की मूल फसल केले के उत्पादन को भी काफी नुकसान हुआ है। मिली जानकारी के अनुसार, अकेले बुरहानपुर जिले के 70 से अधिक गांव में रहने वाले लगभग 5,000 से अधिक किसानों के केले की खड़ी फसल को उस समय काफी नुकसान पहुंचा था। सत्ता और विपक्ष के स्थानीय नेताओं ने भी इसको लेकर उस समय आवाज उठाई थी, जिसके बाद शासन स्तर पर इसको लेकर सर्वे और मुआवजा वितरण का कार्य भी हुआ। लेकिन वह नाकाफी साबित हो रहा है।
बताया जा रहा है कि जिला प्रशासन की टीम ने सर्वे कराकर अपनी जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी थी, जिसके बाद जिले के किसानों के लिए करीब 65 करोड़ रुपये की राहत राशि मुआवजा वितरण के लिए पारित भी की जा चुकी है, जिसे किसानों के खातों में सीधे ट्रांसफर किया जाना है। वहीं, अब तक हवा आंधी से प्रभावित हुए आधे किसानों के खातों में तो मुआवजा राशी पहुंच भी गई है।लेकिन अभी भी बड़ी संख्या में किसानों को अपनी फसलों के नुकसान के रूप में मिलने वाले मुआवजे की राशि का इंतजार है। इसको लेकर फिलहाल जिले के किसान भी परेशान हैं। क्योंकि मानसून शुरू हो चुका है और उन्हें अब अगली फसल बोना है। ऐसे में किसान खेतों को तैयार कर अगली फसल उगाने के लिए कर्ज लेकर बीज और खाद का इंतजाम करने में जुटे हैं। वहीं, मुआवजा वितरण को लेकर भी किसानों ने जिला प्रशासन पर भेदभाव करने के आरोप लगाए हैं।
कांग्रेस ने सरकार पर लगाए भेदभाव के आरोप
वहीं, एक जिला एक उत्पाद में चयनित केले की फसल का उत्पादन करने वाले किसानों को उनकी फसलों की नुकसानी का मुआवजा मिलने में हो रही देरी को लेकर अब जिले की सियासत भी तेज हो गई है। इस मामले में बुरहानपुर से कांग्रेस पार्टी के जिला अध्यक्ष रिंकू टांक का कहना है कि खूद को किसानों की सरकार कहने वाली बीजेपी की सरकार ने किसानों को मुसीबत और उनकी जरूरत के समय मुआवजा राशि नहीं देकर और बालाघाट में किसानों का कर्ज माफ करके भेदभाव किया है। कांग्रेस ने शेष बचे किसानों का भी मुआवजा जल्द से जल्द उनके खाते में देने की मांग की है। देरी होने पर कांग्रेस ने किसानों के साथ मिलकर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है।
मुआवजा वितरण को लेकर सांसद भी मिले कलेक्टर से
बता दें कि केला उत्पादक किसानों की समस्या को लेकर स्थानीय सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने भी बुरहानपुर कलेक्टर भव्या मित्तल से मुलाकात की है और जल्द से जल्द शेष रह गए किसानों व सर्वे में रह गए किसानों के नाम जोडने को लेकर उनसे कार्य योजना बनाने को कहा है। वहीं, सांसद पाटिल ने बताया कि जिले में हुई प्राकृतिक आपदा से जिला प्रशासन ने 65 करोड राशि का प्रस्ताव राज्य शासन को भेजा था, जिसमें से 33 करोड़ की राशि का वितरण हो गया है। शेष 32 करोड़ की राशि का भी वितरण जल्द कर दिया जाएगा।