Vitamin D Suppliment Prevent Diabetes : डायबिटीज का एग्जेक्ट कारण किसी को नहीं पता लेकिन माना जाता है कि डायबिटीज के लिए शिथिल दिनचर्या और गलत खान-पान जिम्मेदार होता है. लेकिन अब एक रिसर्च की मानें तो इसके लिए विटामिन डी की कमी भी जिम्मेदार हो सकती है क्योंकि रिसर्च में यह बात सामने आई है कि यदि ब्लड शुगर 120 भी पार कर गया है और उस स्थिति में आप विटामिन डी सप्लीमेंट लेना शुरू कर दिया है तो कुछ ही महीनों में ब्लड शुगर पूरी तरह कंट्रोल हो सकता है. इसके लिए शोधकर्ताओं ने तीन ट्रायल किए गए और तीनों के परिणााम सकारात्मक आए. अगर ऐसा है तो यह करोड़ों लोगों के लिए खुशी की बात क्योंकि आज 45 करोड़ लोग डायबिटीज के शिकार हैं, इनमें अकेले भारत से 8 करोड़ लोग शामिल हैं. ग्लोबल डायबेट्स कम्युनिटी के मुताबिक विटामिन डी सप्लीमेंट प्री डायबेटिक कंडीशन को टाइप 2 में जाने से रोक सकता है. गौरतलब है कि डायबिटीज से पहले प्री-डायबिटीज होता है.
हैरान करने वाली रिसर्च
विटामिन डी हमारे शरीर के लिए अत्यंत जरूरी है. यह वसा में घुलता है. शरीर में यह कैल्शियम के अवशोषण को सुलभ बनाता है और फॉस्फेट को नियंत्रित करता है. यह कैल्शियम और फॉस्फोरस को हमारे शरीर में स्टोर कर रखता है. रिसर्च में पहले से यह साबित हो चुका है कि शरीर में यदि पर्याप्त विटामिन डी है तो यह कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकता है. इसके अलावा यह इंफेक्शन और इंफ्लामेशन को भी रोकता है. अध्ययन में शोधकर्ताओं ने तीन क्लिनिकल ट्रायल का विश्लेषण किया. तीन साल के दौरान अध्ययन में शामिल होने वाले लोगों को विटामिन डी सप्लीमेंट दिया गया जबकि कुछ लोगों को प्लेसिबो यानी बिना असर वाली दवा दी गई. विटामिन डी का सेवन करने वालों में 77 प्रतिशत को टाइप 2 डायबिटीज नहीं हुआ. यह हैरान करने वाली बात थी. हालांकि 22.7 प्रतिशत को विटामिन डी सप्लीमेंट लेने के बावजूद टाइप 2 डायबिटीज हो गया. दिलचस्प बात यह थी कि जिन लोगों को प्लेसिबो दिया गया था उनमें भी 25 प्रतिशत को टाइप 2 डायबिटीज हो गया.
इंसुलिन रेजिस्टेंस से बचाव
अध्ययन का विश्लेषण करने पर पाया गया कि दुनिया भर में 37.4 करोड़ प्री-डायबेटिक लोग हैं. इनमें से करीब 1 करोड़ लोगों में विटामिन डी सप्लीमेंट देकर टाइप 2 डायबिटीज होने से बचया जा सकता है. विटामिन डी को कैल्सिफेरॉल कहा जाता है. यह विटामिन सिर्फ वसा में घुलनशील है. जब यह गोली आंत में पचती है तो इससे शरीर में सूजन या इंफ्लामेशन को कम करती है. इसके साथ ही विटामिन डी कोशिकाओं की वृद्धि, इम्यूनिटी और ग्लूकोज मेटाबोलिज्म को बूस्ट करता है. शोधकर्ताओं द्वारा विटामिन डी और डायबिटीज के बीच लंबे समय से संबंधों की पड़ताल की जा रही थी. हालांकि अब तक यह पता नहीं था कि विटामिन डी ग्लूकोज को अवशोषण को तेज कर सकता है. नई रिसर्च से यह साबित हो गया कि विटामिन डी इंसुलिन के प्रतिरोध को कम कर देता है जिसके कारण शुगर को अवशोषण आसानी से हो जाता है.