आगामी लोकसभा चुनाव में जीत की हैट्रिक लगाने के लिए भाजपा और मोदी सरकार रोजगार, गरीब कल्याण योजनाओं और हिंदुत्व पर दांव लगाने की तैयारी में है। इसी तैयारी के तहत सबसे पहले अहम गरीब कल्याण योजनाओं को विस्तार देने और इसी साल दिसंबर तक 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी देने का वादा पूरा करने की तैयारी पूर्ण कर ली गई है। वही समान नागरिक संहिता पर अंतिम रूप देने के लिए मोदी सरकार को उत्तराखंड सरकार की ओर से इस संबंध में गठित की गई कमेटी की रिपोर्ट का इंतजार है।
पार्टी सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार गरीब कल्याण योजनाओं के विस्तार के लिए पीएम किसान सम्मान निधि योजना, पीएम आवास योजना, उज्ज्वला योजना, आयुष्मान भारत योजना, स्वनिधि योजना की कई स्तर पर समीक्षा बैठकों मे की जा रही है। इसके तहत किसान सम्मान निधि की राशि में बढ़ोत्तरी और उज्ज्वला योजना के तहत एक से दो करोड़ अतिरिक्त आवंटन संबंधी प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है। आपको बता दे कि उज्जवला योजना के तहत अब तक नौ करोड़ से अधिक परिवारों को मुफ्त गैस सिलिंडर और चूल्हा उपलब्ध कराए गए हैं।
वही पीएम आवास की बात रके तो पीएम आवास योजना के तहत दो करोड़ नए घर बनाने की घोषणा हो सकती है, जबकि स्वनिधि योजना का दायरा ग्रामीण क्षेत्र के लिए बढ़ाया जा सकता है। गौरतलब है कि आवास योजना के तहत बीते नौ सालों में तीन करोड़ आवास बने हैं, जबकि स्वनिधि योजना के तहत 34.47 करोड़ रेहड़ी पटरी वालों को ऋण उपलब्ध कराए गए हैं।
गरीब कल्याण योजनाओं का दायरा बढ़ाने की तैयारी
भाजपा को मोदी सरकार को गरीब कल्याण योजनाओं का बीते सालो में लोकसभा और कई राज्यों के विधानसभा चुनाव में अच्छा लाभ मिला है। पार्टी के आंतरिक सर्वे के मुताबिक इन योजनाओं के कारण पार्टी को उन वर्गों से भी वोट मिले, जहां पार्टी का असर बेहद कमजोर है। इन योजनाओं के लाभार्थियों ने वर्गीय, जातीय समीकरणों के उलट पार्टी समर्थन दिया है। यही कारण है कि भाजपा आगामी लोकसभा चुनाव में गरीब कल्याण योजनाओं का दायरा बढ़ा कर सियासी बढ़त हासिल प्रयास करना चाहेगी है।
रोजगार मेलों में नियुक्ति पत्र
मोदी सरकार ने रोजगार मेले के जरिये केंद्र में 10 लाख नौकरियां देने की घोषणा की थी। इस क्रम में अब तक करीब 3.6 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी जा चुकी है। शेष 6.40 लाख नौकरियों के लिए इसी साल दिसंबर तक नियुक्ति पत्र बांटे जाने की संभावना है।
भाजपा ने पहले ही भाजपा शासित राज्यों को भी रोजगार मेले के जरिये नियुक्ति पत्र बांटने का निर्देश दे दिया है। पार्टी के रणनीतिकारों को लगता है कि इस अभियान के कारण विपक्ष रोजगार के सवाल पर मोदी सरकार को घेर नहीं पाएगा।