महाराष्ट्र में विधनसभा चुनाव और नांदेड़ लोकसभा सीट पर उपचुनाव से पहले बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। पूर्व सीएम अशोक चव्हाण के बहनोई और पूर्व सांसद भास्करराव पाटील खतगांवकर, उनकी बहन डॉ मीनल पाटील खतगांवकर और पूर्व विधायक ओम प्रकाश पोकर्णा ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है। वहीं राज्य में कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोल ने कहा कि भासकरराव बिना किसी पद के लालच के ही कांग्रेस में शामिल हुए हैं। इस तरह के जमीनी कार्यकर्ता के स्वागत से उन्हें खुशी हो रही है। बता दें कि नांदेड़ लोकसभा सीट पर कांग्रेस के सांसद रहे वसंत चव्हाण के निधन के बाद उपचुनाव होने हैं।
नाना पटोले ने कहा कि नांदेड़ में संगठन लगातार मजबूत हो रहा है। कांग्रेस से निकलकर बीजेपी में शामिल होने के बाद कांग्रेस अशोक चव्हाण पर हमलावर नहीं हुई थी। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस ने अशोक चव्हाण को जवाब देने के लिए यह तरीका निकाला है। ऐसे में कांग्रेस में परिवार में ही सेंध लगा दी। मीनल पाटिल खतगांवकर ने लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी से टिकट मांगा था। हालांकि बीजेपी ने पूर्व सांसद प्रताप पाटिल चिखलीकर को ही टिकट दिया था। ऐसे में वह बीजेपी से असंतुष्ट थीं जिसका फायदा कांग्रेस को मिला।
वहीं कांग्रेस ने बिना अशोक चव्हाण के भी नांदेड़ सीट पर जीत दर्ज की थी। वहीं कांग्रेस के एक सीनयिर नेता ने यह भी कहा कि चव्हाण के करीबियों के इस तरह स्वागत से पार्टी कार्यकर्ताओं में गलत संदेश भी जा सकता है। जिसका असर आने वाले चुनावों पर भी पड़ सकता है। नाना पटोले ने कहा कि कांग्रेस नेताओं और सीनियर पदाधिकारियों से चर्चा के बाद भास्करराव पार्टी में आए हैं। नांदेड़ में उनके स्वागत में बड़े कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भास्करराव के आने से नांदेड़ का संगठन और मजबूत होगा।
वहीं भास्करराव पाटील खतगांवकर ने कहा, मुझे लगता है कि कांग्रेस जॉइन करने केबाद मैं घर लौट आया हूं। कांग्रेस पार्टी ने मुझे विधायक,सांसद और मंत्री के तौर पर सेवा देना का अवसर दिया था। कुछ समय के लिए दूसरी पार्टी में रहने के बाद मैं लौट आया हूं। नाना पटोले के नेतृत्व में महाराष्ट्र में पार्टी मजबूत हुई है। इस बार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को पहले से काफी ज्यादा सीटें मिलने वाली हैं। शुक्रवार को दादर में तिलक भवन में भास्करराव के साथ दो अन्य ने कांग्रेस का दामन थामा। पटोले ने कहा कि खतगांवकर को पार्टी में शामिल करने का फैसला सहमति से लिया गया है।