1- हायर सेकंडरी स्कूल 4,000
2- हाईस्कूल 5,000
3- मिडिल-प्रायमरी 90,000
4- टीचर स्कूल शिक्षा 2, 80,000
5- ट्रायबल शिक्षक 1, 00000
पहले एम शिक्षा मित्र पर अटेंडेंस लगाने की थी तैयारी
जब यह तैयारी शुरू हुई थी तो कहा गया था कि पहले से संचालित एम शिक्षा मित्र पर टीचरों की ऑनलाइन अटेंडेंस लगाई जाएगी। अब विभाग ने निर्णय बदला है। विद्यालयों के समस्त रिकार्ड को संग्रहित करने के लिए विभाग ने जिस नवीन 3.0 पोर्टल को लांच किया है। उसी के माध्यम से शिक्षकों की ई-अटेंडेंस लगवाई जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि इसके लिए एक्सपर्ट की टीम काम कर रही है। यह काम चुनौतीपूर्ण है, लेकिन इसे समय सीमा में कर लिया जाएगा।
ऑनलाइन अटेंडेंस से शिक्षकों की परेशानी
शिक्षक संगठनों का कहना है कि विभाग आए दिन शिक्षको को गैर शैक्षणिक कार्यों में लगाता है। अब जब शिक्षक दूसरे काम करेगा तो वह कैसे समय पर स्कूलों में पहुंच पाएगा। दूरस्थ ग्रामीण अंचलों में अनेक ऐसे क्षेत्र है, जहां इंटरनेट की दिक्कत है। विभाग को इन समस्याओं का समाधान पहले करना होगा।
20 हजार शिक्षक कई सालों से गायब
विभाग की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश भर में 20 हजार पिछले कई सालों से स्कूलों में नहीं पहुंच पहुंचे हैं। ये शिक्षक दूसरे काम में लगे हैं जैसे मतदाता सूची में कार्य के नाम पर अनेक शिक्षक, कलेक्टर, जिला पंचायतों और तहसील कार्यालयों में पिछले पांच साल से बाबूगिरी कर रहे है। बड़ी संख्या में शिक्षक राज्य शिक्षा केन्द्र, लोक शिक्षण संचालनालय, जिला शि अधिकारी, डीपीस एवं बीआरसीसी जैसे कार्यों में अटैच होकर सेवाएं दे रहे है। कई शिक्षक सांसदों, मंत्रियों एवं विधायकों के इधर काम कर रहे है। यह शिक्षक कक्षाओं से दूर है। ऐसे शिक्षकों की स्कूल स्पॉट पर ऑनलाइन अटेंडेंस नही लगी तो इनका वेतन नहीं बनेगा।